एम्मा एक विकलांग बेटी ग्रेस की मां हैं। एम्मा को ग्रेस के बास्केटबाल शौक का पता तब चला जब ग्रेसने न्यूयॉर्क में विकलांग लोगों के लिए आयोजित होने वाले बास्केटबाल प्रोग्राम में हिस्सा लिया। एम्मा जब अपनी बेटी के साथ लंदन लौटी तो उन्होंने देखा कि ग्रेस यहां भी बास्केटबाल खेलती थी। तब एम्मा ने ग्रेस और उसी जैसे अन्य बच्चों के लिए एक स्पोर्ट्स क्लब बनानेका फैसला किया। इस क्लब का नाम द सेफ हेवन बास्केटबाल क्लब रखा गया।
एम्मा कहती हैं फिटनेस मेरे जीवन का खास हिस्सा है। एम्मा के तीन बच्चे हैं। अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने के बाद वे एक जिम में इंस्ट्रक्टर का काम करने लगीं। वे कहती हैं यहां काम करने के दौरानमैं ऐसे कई लोगों से मिली जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। मैंने जिम में योगा, पिलाटेऔर अन्य एक्सरसाइज सिखाने में अपना काफी वक्त बिताया। इससे काम करने की मेरी इच्छाशक्ति बढ़ी।
एम्मा को अपने तीन बच्चों और पति के साथ टेनिस खेलने का शौक है। उनके तीनों बच्चे स्पोर्ट्स में एक्टिव हैं। एम्मा चाहती थीं कि उनके दो बच्चों के अलावा तीसरी बेटी यानी ग्रेस के जीवन में भी स्पोर्ट्स खास हिस्सा बने।
ऐसे बहुत कम विकलांग बच्चे होते हैं जिन्हें स्कूल या अपने दोस्तों के साथ स्पोर्ट्स में आगे बढ़ने का मौका मिलता है। एम्मा चाहती थीं कि ये मौका ग्रेस को मिले और वो बास्केटबाल खेलने के अपने शौक को कायम रख सके। एम्मा कहती हैं शारीरिक विकलांग बच्चों को स्पोर्ट्स जैसी एक्टिविटी से दूर रखा जाता है।
एम्मा ने अपने क्लब सेफ हेवन बास्केटबाल के जरिये इन बच्चों को खेल कूद में आगे आने का अवसर दिया है। हालांकि बास्केटबाल खेलना ग्रेस जैसे बच्चों के लिए आसान नहीं होता। ऐसे माता-पिता को भी मेरी तरह बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ज्यादा मेहनत करना पड़ती है।
एम्मा अपनी बेटी को परिवार के लिए किसी वरदान से कम नहीं मानती हैं। ग्रेस ने अपने परिवार को वो सारी खुशी दी जो एक होनहार बच्चा देता है। एम्मा कहती हैं मैं अपनी बेटी को हर तरह से आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हूं। मुझे ग्रेस पर गर्व है। एम्मा के स्पोर्ट्स क्लब से अब तक 10,000 विकलांग लोग जुड़े हुए हैं। उनके क्लब की तीन ब्रांचेस अलग-अलग जगह में डिसएबल बच्चों को आगे बढ़नेका मौका दे रही हैं।