इस त्योहारी सीजन में उपभोक्ता खर्च में पिछले साल के मुकाबले एक तिहाई यानी 33 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इस कारण कोरोनावायरस से परेशान लोकल रिटेलर्स का संकट और बढ़ सकता है। लोकलसर्किल्स की एक सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। सर्वे में शामिल अधिकांश उपभोक्ताओं का कहना है कि वे छोटे पारंपरिक सामान और गिफ्ट पैक बाजार जाने के बजाए ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं।
प्रॉपर्टी-ऑटोमोबाइल की खरीदारी पर सबसे ज्यादा असर
लोकलसर्किल्स के फाउंडर और चेयरमैन सचिन टपारिया का कहना है कि कोविड-19 के कारण इस त्योहारी सीजन उपभोक्ता खर्च में एक तिहाई कमी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर प्रॉपर्टी, ऑटोमोबाइल और ज्वैलरी की खरीदारी पर होगा। यह सर्वे देश के 300 शहरों के 65 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं पर किया गया है। सर्वे के मुताबिक, इस साल 61 फीसदी उपभोक्ताओं ने फेस्टिव सीजन में खर्च करने की बात कही है। 2019 में 78 फीसदी उपभोक्ताओं ने फेस्टिव सीजन में खर्च की बात कही थी।
मात्र 3 फीसदी उपभोक्ता 50 हजार से ज्यादा खर्च करेंगे
सर्वे में शामिल कुल उपभोक्ताओं में से सिर्फ 3 फीसदी ने ही खरीदारी पर 50 हजार रुपए से ज्यादा खर्च करने की बात कही है। 14 फीसदी उपभोक्ताओं का कहना है कि वह इस साल त्योहार पर 10 से 50 हजार रुपए तक की खरीदारी करेंगे। वहीं, 44 फीसदी का कहना है कि वे केवल 1 से 10 हजार रुपए तक की खरीदारी करेंगे।
अधिकांश उपभोक्ताओं ने ग्रॉसरी-फूड उत्पादों पर खर्च की बात कही
सर्वे के मुताबिक, अधिकांश उपभोक्ताओं ने इस त्योहारी सीजन में ग्रॉसरी और फूड उत्पादों पर अपना पैसा खर्च करने की बात कही है। 19 फीसदी उपभोक्ता व्हाइट गुड्स और अप्लायंसेस तो 15 फीसदी स्मार्टफोन और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स पर खर्च करेंगे। 11 फीसदी ने होम रिनोवेशन कराने की बात कही है। केवल 8 फीसदी ने फैशन और फेस्टिव वीयर पर खर्च करने की बात कही है।
कोविड-19 के कारण ई-कॉमर्स पर बढ़ेंगे उपभोक्ता
टपारिया का कहना है कि कोविड-19 के कारण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं की संख्या में बड़ा उछाल आने का अनुमान है। टपारिया के मुताबिक, सर्वे में 51 फीसदी उपभोक्ताओं ने ई-कॉमर्स को खरीदारी के प्राइमरी चैनल के तौर पर चुना है। 2019 में यह अनुपात 27 फीसदी था। 80 उपभोक्ताओं ने ई-कॉमर्स पोर्टल पर छोटे कारोबारियों, उभरते ब्रांड और कारीगरों से त्योहारी खरीदारी की इच्छा जताई है।