लॉकडाउन के दौरान प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को फिर से अपना काम-धंधा शुरू करने के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना शुरू की गई है। इसके तहत रेहड़ी पटरी वालों को बगैर किसी गारंटी के 10 हजार रुपए का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। यह जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है। माना जा रहा है इस योजना के शुरू होने से फरीदाबाद के हजाराें रेहड़ी-पटरी वालों को काम-धंधा दोबारा से जमाने में राहत मिलेगी।
इस योजना को लेकर निगम कमिश्नर डॉ. यश गर्ग ने निगम सीमा क्षेत्र में गलियों अथवा विभिन्न इलाकों में रेहड़ी-पटरी लगाने वाले वेंडरों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर इसके बारे में जानकारी दी। इस याेजना का लाभ फल फूल और सब्जी विक्रेता व अन्य सामान बेचने वाले भी उठा सकते हैं। खास बात यह है कि लोन की किस्त वापसी 12 महीने में की जा सकती है। समय पर किस्त जमा करने वालों को 7 फीसदी तक ब्याज का अनुदान भी दिया जाएगा। साथ ही यदि कोई वेंडर डिजिटल तरीके से लेन देन करता है तो उसे एक साल में 600 से 1200 रुपए तक कैश बैक भी मिलेगा।
नगर निगम को दी गई है इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी
दो वर्ष के लिए लागू है योजना: निगम कमिश्नर
निगम कमिश्नर डॉ. यश गर्ग ने बताया कि यह योजना दो वर्ष यानी वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए है। उन्होंने बताया इस योजना का लाभ 24 मार्च 2020 या उससे पहले से रेहड़ी-पटरी लगाकर काम रहा हो। शहरी क्षेत्रों के रेहड़ी-पटरी वाले अथवा शहरी क्षेत्र के आसपास गांव के आकर रेहड़ी पटरी वालों को मिलेगा। उन्होंने बताया इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालाें को बगैर किसी गारंटी अथवा कागजात के बैंकों से 10 हजार रुपए तक का लोन उपलब्ध करवाया जाएगा। लोन की वापसी एक साल में 12 किस्त में दी जा सकती है।
सभी प्रकार के रेहड़ी-पटरी वाले होंगे पात्र
नगर परियोजना अधिकारी द्वारिका प्रसाद ने बताया कि इस योजना में सभी प्रकार के रेहड़ी-पटरी वाले पात्र होंगे। यानी ऐसे रेहड़ी वाले जिन्हें नगर निगम से पहचान पत्र जारी किया गया है। इसके अलावा ऐसे लोग भी पात्र हैं जो सर्वे की सूची में हैं लेकिन उन्हें अभी कोई पहचान पत्र जारी नहीं किया गया है। ऐसे लोग जो सर्वे में छूट गए थे अथवा सर्वे पूरा होने के बाद भी वह रेहड़ी-पटरी लगाकर काम-धंधा कर रहे हों। विभिन्न गांवों से आकर शहरी क्षेत्र की सीमा में रेहड़ी पटरी लगाकर सामान बेचने वालों को भी लोन दिया जाएगा।
सर्वे में 16 हजार से अधिक हैं वेंडर| नगर परियाेजना अधिकारी द्वारिका प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार के आदेश पर करीब एक साल पहले पूरे शहर में रेहड़ी पटरी वालों का सर्वे कराया गया था। उस सर्वे में 16160 वेंडर चिन्हित किए गए थे। इस सर्वे में कई ऐसे भी लेाग थे जो सर्वे में छूट गए थे। अब इन वेंडरों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराया जाएगा। उधर वेंडर एसोसिएशन सेक्टर 15 के प्रधान महेंदर कुमार ने बताया कि पूरे शहर में करीब 30 हजार रेहड़ी-पटरी वाले हैं जो कई वर्षों से दुकान लगाकर अपना धंधा कर रहे हैं। इन सभी को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए। ताकि वह अपने कारोबार को दोबारा से मजबूती के साथ शुरू कर सकें।