अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग ने इंडियन एयरफोर्स को अपाचे और चिनूक मिलिट्री हेलिकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी कर दी है। बोइंग के साथ भारत ने 22 अपाचे हेलिकॉप्टर और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा किया था। बोइंग ने शुक्रवार को बताया कि 5 चिनूक की आखिरी खेप मार्च की शुरुआत में और 5 अपाचे हेलिकॉप्टर की आखिरी खेप जून के अखिरी हफ्ते में हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पहुंचाई गई।
बोइंग डिफेंस इंडिया के मैनेजिंग डाइरेक्टर सुरेंद्र आहुजा ने कहा- मिलिट्री हेलिकॉप्टरों की इस डिलीवरी के साथ, हम पार्टनरशिप को आगे भीबनाए रखेंगे और भारतीय रक्षा बलों की क्षमताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से कमिटेड होकर काम करेंगे।
17 देशों के पास हैअपाचे का एडवांस वैरिएंट
भारत ने अपाचे का सबसे एडवांस वैरिएंट एएच-64ई खरीदा है। यह अभी तक 17 देशों के पास ही है। एच-64ई अपाचे में लेटेस्ट कम्युनिकेशन सिस्टम, नेविगेशन, सेंसर और वीपन सिस्टम से लैस है। इसमें ऐसा सिस्टम लगा है, जिसके जरिए दिन, रात और सभी तरह के मौसम में टार्गेट के बारे में आसानी से जानकारी मिलती है।
इंडियन एयरफोर्स ने चिनूक का लेटेस्ट वर्जन सीएच-47एफ (आई) खरीदा है।दुनिया भर में बीस देशों की एयरफोर्स में या तो चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल है या उसकी खरीद की जा रही है। बोइंग ने बयान में कहा कि चिनूक 50 सालों से दुनिया का सबसे भरोसेमंद हैवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर है। यह गर्म जलवायु, ऊंचाई, और तेज हवाओं में भी आसानी से उड़ सकता है।
सितंबर 2015 में हुआ था सौदा
रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2015 में बोइंग के साथ 22 एएच-64ई अपाचे और 15 सीएच -47 एफ (आई) चिनूक हेलीकॉप्टरों के प्रोडक्शन और ट्रेनिंग के लिए सौदा किया था। हैदराबाद में बोइंग कंपनी टाटा के साथ जॉइंट वेंचर (टाटा बोईंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल)के जरिए अपाचे के एयरोस्ट्रक्चर बनाती है। मौजूदा समय में बोइंग भारत में “मेक इन इंडिया” और “स्किल इंडिया” मुहिम के तहत 200 से अधिक पार्टनरों के साथ मिलकर काम कर रही है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें