पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शनिवार को कहा कि एलबीडब्ल्यू के मामले मेंअगर डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) में गेंद स्टंप्स से टकराती दिखे, तो फिर बल्लेबाज को आउट देना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकरा रहा है।
सचिन के मुताबिक,अगर गेंदस्टंप्स पर लग रही है, तो फिर ऑन फील्ड अंपायर के फैसले की परवाह किए बिना बल्लेबाज को आउट देना चाहिए।
आईसीसी अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने के बारे में सोचे: सचिन
उन्होंने डीआरएस के मामले में वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज ब्रायन लारा के साथ हुई चर्चा का वीडियोसोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें सचिन ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से एलबीडब्ल्यू के मामले में अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने पर विचार करने के लिए भी कहा है।
डीआरएस के मामले में आईसीसी से सहमत नहीं सचिन
उन्होंने कहा कि मैं डीआरएस के मामले में आईसीसी से सहमत नहीं हूं। खासतौर पर एलबीडब्ल्यूके मामले में। डीआरएस में ऑन फील्ड अंपायर का फैसला तभी बदला जा सकता है, जब गेंद का 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स से टकराता दिखे, जो सही नहीं है।क्योंकि गेंदबाज या बल्लेबाज तभी ऑन फील्डअंपायर के फैसले के खिलाफ रिव्यू लेते हैं, जब वे इससे संतुष्ट नहीं होते हैं।
गेंद स्टंप्स छूकर भी निकले तो बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू देना चाहिए
ऐसे में जब थर्ड अंपायर के पास मामला जाता है, तो फिर टेक्नोलॉजी से ही नतीजा तय होना चाहिए। जैसा टेनिस में होता है कि या तो गेंद कोर्ट के अंदर है या बाहर। इसमें बीच जैसी कोई स्थिति नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर गेंद सिर्फ स्टंप्स को छूकर भी निकल जाए, तो भी फैसला गेंदबाज के हक में होना चाहिए।
हरभजन ने भी सचिन की सलाह को सही ठहराया
तेंदुलकर ने आगे कहा कि क्रिकेट में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने का मकसद ही यही है। जैसा कि हमें मालूम है कि न तो टेक्नोलॉजी और न ही इंसान 100 फीसदी सही हैं। हरभजन सिंह ने भी सचिन से सहमति जताई है।
हरभजन ने कहा कि पाजी मैं आप से 100 फीसदी सहमत हूं। अगर गेंद स्टंप्स को छूकर भी निकल रही है, तो भी बल्लेबाज को एलबीडब्ल्यू देना चाहिए। फिर इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि गेंद का कितना फीसदी हिस्सा विकेट से टकराया। ऐसे में खेल की बेहतरी के लिए नियमों में बदलाव होना चाहिए।