अब देश भर में ऑटो, ट्रैक्टरों, ट्रकों, बसों और कारों में मेक इन इंडिया के तहत भारत या फिर चीन के बजाय अन्य देशों में ही बने मोटर्स पार्टस का इस्तेमाल होगा। गलवान घाटी में लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के द्वारा 20 भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद ऑटो पार्टस व्यापारियों ने चीन से ऑटो पार्टस के आयात पर लगभग रोक लगा दिया है।
चीन सीमा तनाव के बाद कश्मीरी गेट स्थित बाजार के दुकानदारों ने चीन से आयात पूरी तरह बंद कर मेड इन इंडिया के तहत भारत में बने उत्पादों को बढ़ावा देने और चीन के बजाय देश में बने व दूसरे देशों में बने मोटर्स पार्ट्स आयात की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
ऑटो पार्ट्स मार्केट में हुआ 10 % चीनी पार्ट्स का आयात
सीमा पर विवाद के बाद कश्मीरी गेट के ऑटो पार्ट्स मार्केट में मुश्किल कश्मीरी गेट से मोरी गेट तक 30 हजार दुकानों में 10 प्रतिशत चीनी मोटर्स पार्ट्स का आयात हुआ है। ऑटोमोटिव एवं जनरल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निरंजन पोद्दार ने कहा कि यह बात व्यापारियों को समझ में आ गई है कि हमारे पैसे से ही चीन हमारे सैनिकों को की हत्या कर रहा है आंखें दिखा रहा है। इसलिए कारोबारियों ने चीन से आयात को मार्केट में पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसकी जगह मेक इन इंडिया के तहत बनी देशी उत्पादों से बनी उत्पादों के साथ अन्य देशों में बनी उत्पादों पर जोर दिया जा रहा है।
मोरी गेट ट्रैक्टर पार्ट्स मार्केट ने पूरी तरह से चीनी पार्टस का आयात बंद
ऑटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन कश्मीरी गेट के महासचिव विनय नारंग का कहना है कि मोरी गेट खास बात यह है कि खरीदारों में भी चीन उत्पादों के खिलाफ जागरूकता देखने को मिल रही है। मोरी गेट ट्रैक्टर पार्ट्स मार्केट ने चीन में बने ऑटो पार्ट्स के आयात को 100% बंद कर दिया है। अब यहां पर मेड इन इंडिया के तहत देसी उत्पाद पर जोर देने लगे हैं। अब उत्पाद नरेला,बवाना, वजीरपुर व आनंद पर्वत औद्योगिक क्षेत्रों में बनते हैं तो नोएडा, गाजियाबाद,साहिबाबाद,गुरुग्राम,मानेसर और सोनीपत के अलावा पंजाब के भी कुछ जिलों में ऑटो पार्ट्स बनते हैं।