यूएई के मिशन टू मार्स अभियान की कमांड सारा अल-अमीरी के हाथ में, इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने पर गर्व है उन्हें

अरब देशों का मंगल ग्रह पर पहला अभियान इसी माहसे शुरू हो रहा है। यह संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष कार्यक्रम का अगला कदमहै। इस मानवरहित प्रोब का नाम ‘अल-अमल’ है जिसका अरबी में अर्थ होता है उम्मीद।

तनेगाशिमा के जापानी द्वीप से इस मिशन की शुरुआत होगी। उन्नत प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और यूएई के मार्स मिशन में साइंस लीड होप प्रोब कीडिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सारा अली अमीरी हैं। उन्होंने कुशलतापूर्वक इस मिशन की कमांड अपने हाथ में ली है।

सारा के अनुसार इस मिशन पर पिछले छह सालों से काम चल रहा था। मिशन की टीम ने रोज लगभग 12 घंटे काम किया है। वे मानती हैं कि इस मिशन को पूरा करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वहीं इन चैलेंजसेमिशन की टीम को बहुत कुछ सीखने को भी मिला। सारा को इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने पर गर्व है।

जापानी रॉकेट से इसे ले जाया जाएगा। इसमेंमंगल के वातावरण का आंकलन करने के लिए तीन प्रकार के सेंसर हैंजिसमें ग्रह की धूल और ओज़ोन को मापने के लिए हाई-रिज़ोल्यूशन मल्टीबैंड कैमरा है।

इस अभियान में मंगल के वातावरण के विभिन्न स्तरों से लेकर इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि लाल ग्रह से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन खत्म होने की वजह क्या रही है।

यान के 2021 की पहली तिमाही में मंगल पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है। साराह अल-अमीरी कहती हैं कि जो युवा स्पेस इंजीनियरिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, उन्हें ये परियोजना प्रोत्साहित करेगी।

उनके अनुसारलाल ग्रह पर यूएई का अंतरिक्ष यान तब पहुंचेगा जब वो अपने गठन के 50 साल का जश्न मनाएगा।

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She is proud to be a part of the project, in the hands of Sarah Al-Amiri, the woman scientist commanding the Mission to Mars campaign of the United Arab Emirates