(विमुक्त दवे)रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड(आरआईएल )की वार्षिक साधारण सभा( एजीएम )को लेकर हर बार इसके निवेशकों और बाजार में एक उत्साह बना रहता है। बुधवार को कंपनी की43वींएजीएम को लेकर इस बार कुछ ज्यादा ही नजर निवेशकों की है। इसके हालांकि कई कारण हैं।
भास्कर ने पिछली 10 एजीएम और एजीएम के हफ्ते के दौरान कंपनी के शेयर की कीमतों पर एक स्टडी की। जिससे यह सामने आया कि पिछले कुछ सालों में एजीएम वाले हफ्ते में कंपनी के शेयरों की कीमतें 2010 से 2014 की तुलना में ज्यादा बढ़ी हैं।
2015 से पहले शेयरों में कम गिरावट रही
वर्ष2010 से 2014के दौरानकंपनी के एजीएम केसप्ताह में शेयरों में काफी कम गिरावट रही है। आंकड़े बताते हैं कि यह गिरावट 2 से 3 प्रतिशत रही है।2015 के बाद जब एजीएम शुरू हुए तो उस हफ्ते में कंपनी का शेयर 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ा। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि 2015 के बाद से ही जियो को लेकर कंपनी ने अपनी स्ट्रेटेजी बनानी शुरू की।
2015 के एजीएम में जियो की बात निकली
कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2015कीएजीएम मेंजियो की शुरुआत की बात कही और सितंबर 2016 में इसे लांच कर दिया गया। बाजार के एनालिस्ट जिग्नेश माधवाणी ने बताया कि 2010- 2015के बीच कंपनी ज्यादातर इन्वेस्टमेंट मोड में थी। खास तौर पर कंपनी ने टेलीकॉम और डिजिटल बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए भारी-भरकम निवेश किया।उसके बाद रिलायंस जियो की लांचिंग से आरआईएल के शेयरों में लगातार तेजी देखी गई।
आरआईएल 2015-16 के बाद ग्रोथ फेज में आई
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने बताया किकंपनी जब निवेश के चरण में हो तब निवेशक बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं करते हैं। इस कारण उस कंपनी के शेयर में ज्यादा मूवमेंट नहीं होती है। आरआईएल2015 -16के बाद ग्रोथ फेज में आई है।इस दौरान उसने जितने भी अनाउंस किए, उन सभी को पूरा किया, जिससे इसका शेयर इस समय 1,900 के पार है।
जियो का अनाउंसमेंट ट्रिगर साबित हुआ
एचडीएफसीसिक्योरिटीज़ के टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट विनय राजाणी ने कहा कि,रिलायंस के लिए जियो का अनाउंसमेंट ट्रिगर साबित हुआ है।टेक्निकल तौर पर देखा जाए तो2008से2015तक भाव में कोई खास मूवमेंट नहीं देखी गई।जियो का ऐलान और उसके बाद के सालों में संबंधित घोषणा से सेंटीमेंट में हुए बदलाव के कारण शेयरों पर पॉजिटिव असर देखा गया।
2010 – 2014के बीच शेयरों की कीमतों में कमी रही
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(बीएसई )के आंकड़ों के मुताबिक, 2010से2014के दौरान पांच एजीएम में आरआईएल के शेयर का भाव3बार कम हुआ। यह कमी0.37 प्रतिशतसे लेकर2.77 प्रतिशततक रही।हालांकि दो एजीएम में शेयरों की कीमतें बढ़ीं जरूर, लेकिन वह काफी कम रहीं।
आंकड़ों के अनुसार2015मेंएजीएम वाले हफ्ते में रिलायंस के शेयर की कीमत 11.61 प्रतिशत बढ़ी लेकिन2016में2.43 प्रतिशत की गिरावट आई।2015-2019के बीच के एजीएम वाले हफ्ते में चार बार शेयर की कीमतें 4.55 प्रतिशत और एक बार 11.61 प्रतिशत बढ़ी।
2015कीएजीएम केबाद अभी तक शेयर115 प्रतिशतबढ़ा
2015कीएजीएम केबाद से अभी तक कंपनी का शेयर 115 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है। 12जून2015को आरआईएल का शेयर 889.15रुपए पर बंद हुआ था। जबकि मंगलवार को यह 1916.65पर बंद हुआ है।