ग्लोबल कार सेफ्टी एजेंसी ग्लोबल NCAP ने भारत में बनी कारों की लिस्ट जारी की है। एजेंसी ने इन्हें सबसे सुरक्षित कारों के तौर पर सर्टिफाइड किया है। इस लिस्ट में कुल 38 कारें हैं, जिसमें सबसे ज्यादा टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा बनाई गई हैं। ये हैं लिस्ट में मौजूद 10 सबसे ज्यादा सुरक्षित भारतीय कार…
1. महिंद्रा XUV300 एसयूवी
2014 के बाद से ग्लोबल NCAP द्वारा किए गए परीक्षणों के अनुसार, महिंद्रा XUV300 सड़क पर सबसे सुरक्षित भारतीय कार है। एसयूवी ने ग्लोबल NCAP के पहले ‘सेफ च्वाइस’ अवार्ड को हासिल किया है, जो केवल उन वाहन निर्माताओं को दिया जाता है, जो भारत में बेची जाने वाली कारों के लिए सुरक्षा प्रदर्शन के उच्चतम स्तर को प्राप्त करते हैं। एसयूवी ने एडल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन में 5 स्टार रेटिंग और चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन में 4 स्टार रेटिंग हासिल की। यह ग्लोबल NCAP के #SaferCarsForIndia कैंपेन में टेस्ट की गई किसी भी कार की सबसे ज्यादा कम्बाइन सेफ्टी रेटिंग थी।
2. टाटा अल्ट्रोज़ हैचबैक
टाटा मोटर्स की अल्ट्रोज़ हैचबैक ने क्रैश टेस्ट के दौरान ग्लोबल NCAP द्वारा 5 स्टार रेटिंग हासिल की। 5 स्टार मिलने पर ग्लोबल NCAP द्वारा टेस्ट की गई कार को सुरक्षित मान लिया जाता है। स्टैंडर्ड तौर पर आगे की तरफ इसमें दो एयरबैग मिलते हैं। अल्ट्रोज़ को इसके स्टेबल स्ट्रक्चर और फुटवेल के लिए काफी सराहना मिली। ग्लोबल NCAP ने यह भी कहा कि सिर और गर्दन की सुरक्षा अच्छी थी और सामने की सीटों पर दोनों वयस्कों के लिए छाती की सुरक्षा भी पर्याप्त थी।
3. टाटा नेक्सन
टाटा मोटर की कॉम्पैक्ट एसयूवी नेक्सन को यूके बेस्ड व्हीकल सेफ्टी ग्रुप द्वारा किए गए क्रैश टेस्ट रिजल्ट के आधार पर ग्लोबल NCAP से 4 स्टार प्राप्त हुए हैं। कॉम्पैक्ट एसयूवी को एडल्ट ऑप्युपेंट प्रोटेक्शन के लिए 4 स्टार और चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन के लिए 3 स्टार रेटिंग मिली, जबकि इसके बॉडी शेल को स्टेबल रेटिंग दी गई। ग्लोबल NCAP के महासचिव डेविड वार्ड ने कहा कि टाटा नेक्सन को मिली 4 स्टार रेटिंग, एक प्रमुख भारतीय कार निर्माता के लिए मजबूत परिणामों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
4,टाटा टिगोर
टिगोर ने ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में ए़डल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन के लिए 4 स्टार और चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन के लिए 3 स्टार रेटिंग हासिल की। टिगोर में सेफ्टी के लिए फ्रंट में स्टैंडर्ड तौर पर दो एयरबैग्स दिए गए है। कार में 1199 सीसी क इंजन मिलता है, जो 85 बीएचपी का पावर जनरेट करता है। इसकी कीमत 5.75 लाख रुपए से 7.49 लाख रुपए तक है।
5. टाटा टियागो
टिगोर की तरहटियागो को भीए़डल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन के लिए 4 स्टार और चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन के लिए 3 स्टार रेटिंग हासिल की।टिगोर और टियागो में फ्रंट में स्टैंडर्ड तौर पर दो एयरबैग्स दिए गए है। इसकी स्ट्रक्चरऔर फुटवेल एरिया को अनस्टेबल रेट किया गया था। एडल्ट ऑक्युपमेंट प्रोटेक्शन के लिए सिर और गर्दन की सुरक्षा अच्छी थी। पैसेंजर के लिए छाती की सुरक्षा पर्याप्त जबकि ड्राइवर के लिए मार्जिनल थी। पीछे के खतरनाक स्ट्रक्चर के कारण घुटनों में मार्जिनल सुरक्षा ही दिखाई देती है।
6. फॉक्सवैगन पोलो हैचबैक
फॉक्सवैगन पोलो हैचबैक भारत की सबसे सुरक्षित कारों में 6वें स्थान पर रही। यह रेटिंग 2014 में ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट के जरिए मिली। एजेंसी ने कहा कि- ड्राइवर और पैसेंजर के सिर और गर्दन को दी गई सुरक्षा अच्छी थी और इसके श्रेय एयरबैग को जाता है। ड्राइवर और पैसेंजर की छाती को पर्याप्त सुरक्षा मिली। दोनों फ्रंट पैसेंजर्स के घुटने डैशबोर्ड में ट्रान फाशिया ट्यूब के खतरनाक संरचनाओं के साथ प्रभावित हो सकते हैं।
7. महिंद्रा माराजो एमपीवी
महिंद्रा एंड महिंद्रा की एमपीवी पिछले छह वर्षों से अपनी कैटेगरी में सबसे सुरक्षित है। माराजो का 2018 में परीक्षण किया गया। ग्लोबल NCAP ने बताया कि- ड्राइवर और पैसेंजर के सिर और गर्दन पर दी गई सुरक्षा अच्छी थी। ड्राइवर के सीने में मार्जिनल सुरक्षा दिखाई दी जबकि पैसेंजर के सीने में पर्याप्त सुरक्षा दिखाई दी। 3 साल की बच्चे के लिए चाइल्ड सीट को ISOFIX की मदद से सामने की तरफ फेस करके इंस्टॉल किया गया था, जो प्रभाव के दौरान एक्सेसिव फॉरवर्ड मूवमेंट को झेलने में कमजोर दिखाई दी लेकिन छाती को अच्छी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम रही।
8. टोयोटा इटियोस हैचबैक
टोयोटा मोटर ने 10 साल पहले भारत में इटियोस हैचबैक लॉन्च किया था। बाद में लिवा नाम से हैचबैक का एक सेडान वर्जन भी लॉन्च किया था। इटिओस हैचबैक का 2016 में ग्लोबल NCAP द्वारा परीक्षण किया गया था और इसे लिस्ट में 8वें स्थान पर रखा गया। ग्लोबल NCAP के फैसले में कहा गया है कि सामने की तरफ से पड़ने वाले प्रभाव में ड्राइवर और पैसेंजर दोनों एयरबैग और सीटबेल्ट द्वारा अच्छी तरह से सुरक्षित थे। हालांकि सामने के स्ट्रक्चर से घुटने प्रभावित हो सकते हैं। 1 और 5 साल के बच्चे के लिए चाइल्ड सीट प्रभाव के दौरान अत्यधिक फॉरवर्ड मूवमेंट को रोकने में सक्षम थी।
9. मारुति सुजुकी विटारा ब्रेजा
ग्लोबल NCAP के अनुसार सबसे सुरक्षित भारतीय कारों की सूची में मारुति सुजुकी की सब-कॉम्पेक्ट एसयूवी 9वें स्थान पर है। कंपनी ने इस साल नए सेफ्टी फीचर्स के साथ एसयूवी का एक अपडेटेड मॉडल लॉन्च किया है, जिसका ग्लोबल NCAP टेस्टिंग से गुजरना बाकी है। हालांकि, पिछली जनरेशन की विटारा ब्रेज़ा को टाटा जेस्ट के समान रेटिंग मिली थी। ग्लोबल NCAP ने बताया कि- ड्राइवर और पैसेंजर के सिर और गर्दन की सुरक्षा अच्छी थी। ड्राइवर की छाती में मामूली सुरक्षा थी जबकि पैसेंजर की छाती में अच्छी सुरक्षा थी। ड्राइवर के घुटनों में मामूली सुरक्षा और पैसेंजर के घुटने मामूली और अच्छे थे क्योंकि ट्रानफेशिया ट्यूब द्वारा सपोर्टेड डैशबोर्ड खतरनाक प्रभाव डाल सकते थे। बॉडीशेल को स्थिर रूप से रेट किया गया था और यह अधिक लोडिंग को झेलने में सक्षम था।
10. टाटा जेस्ट
इस लिस्ट में 10वें स्थान पर है टाटा की कॉम्पैक्ट सेडान जेस्ट रही। कार को पहली बार 2014 में अपने हैचबैक संस्करण टाटा बोल्ट के साथ ऑटो एक्सपो में पेश किया गया था। जेस्ट को 2016 में किए गए परीक्षण में एडल्ट सेफ्टी फीचर्स में 4 स्टार रेटिंग हासिल की, लेकिन जब चाइल्ड सेफ्टी की बात आई कार का खराब प्रदर्शन किया। ग्लोबल NCAP ने कहा कि- ड्राइवर के एयरबैग से नीचे की तरफ होने के कारण ड्राइवर के सर को दी गई सुरक्षा पर्याप्त थी। डैशबोर्ड की खतरनाक बनावट के कारण प्रभाव के समय ड्राइवर का घुटना प्रभावित हो सकता है। बॉडीशेल को अनस्टेबल रेट किया गया था और इसे किसी भी अतिरिक्त लोडिंग को झेलने में असमर्थ बताया था।