10 सालों में अमूल का बिजनेस 5 गुना बढ़कर 52,000 करोड़ रुपए पर पहुंचा, 5 सालों में एक लाख करोड़ के कारोबार का लक्ष्य

अमूल ब्रांड के उत्पादों का कुल कारोबार वित्त वर्ष 2019-20 में 38,542 करोड़ रुपए रहा है। पिछले दस सालों में कंपनी के कारोबार में करीबन 5 गुना की वृद्धि हुई है। यह जानकारी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने शनिवार को दी। जीसीएमएमएफ ही अमूल ब्रांड के उत्पादों का उत्पादन और बिक्री करता है।

हालांकि, इसकी कुल यूनियन का कारोबार 52 हजार करोड़ रुपए रहा है। जीसीएमएमएफ ने कहा कि अमूल का लक्ष्य 2024-25 तक एक लाख करोड़ रुपए का कारोबार हासिल करने का है। बता दें कि शनिवार को जीसीएमएमएफ की 42वीं एजीएम आणंद में हुई है।

10 साल पहले8,005 करोड़ रुपए का कारोबार था

एजीएम के बाद जारी बयान में कहा गया है कि जीसीएमएमएफ समूह और उससे जुड़ी यूनियन सदस्यों का अमूल ब्रांड के तहत एकीकृत कारोबार 52,000 करोड़ रुपए से अधिक या करीब सात अरब डॉलर रहा है। बयान में कहा गया है कि हमारा 2024-25 तक एक लाख करोड़ रुपए का कारोबार हासिल करने का लक्ष्य है।

जीसीएमएमएफ ने कहा कि उसने 2019-20 में 38,542 करोड़ रुपए का बिक्री कारोबार दर्ज किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष से 17 प्रतिशत अधिक है। बयान में कहा गया है कि तेजी से विस्तार से अमूल का कारोबार 2009-10 की तुलना में पांच गुना हो गया है। यह 2009-10 में 8,005 करोड़ रुपए था।

2019-20 में दूध की रोजाना खरीद 215.96 लाख लीटर रही

जीसीएमएमएफ के चेयरमैन रामसिंह परमार ने कहा कि 2019-20 में दूध की रोजाना खरीद 215.96 लाख लीटर रही। परमार ने कहा कि इस तेज वृद्धि की वजह हमारे सदस्य किसानों को दिया जाने वाला खरीद मूल्य है, जिसमें 2009-10 की तुलना में 127 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2009-10 में यह प्रति किलोग्राम फैट 337 रुपए था, जो 2019-20 में 765 रुपए प्रति किलोग्राम फैट पर पहुंच गया।

प्रतिदिन 35 लाख लीटर अतिरिक्त दूध की खरीद की थी

परमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब निजी दूध कंपनियों ने किसानों से खरीद बंद कर दी थी थी, उस समय गुजरात की मिल्क यूनियनों ने प्रतिदिन 35 लाख लीटर अतिरिक्त दूध की खरीद की थी। ग्रामीण क्षेत्र के मिल्क प्रोडक्ट्स को करीब 800 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भुगतान किया था।

भारत लगातार विश्व के अग्रणी दूध उत्पादन करनेवाले देशों में रहा है। संभावना है कि यह जल्द ही टॉप पोजीशन पर पहुंच सकता है। इसकी सालाना वृद्धि दर 5.5 प्रतिशत की पिछले तीन-चार सालों से रही है। जबकि वैश्विक वृद्धि दर 2 प्रतिशत रही है।

पीएम राहत पैकेज में 15 हजार करोड़ रुपए डेयरी सेक्टर को दिए गए हैं

कंपनी के एमडी आर.एस. सोढ़ी ने कहा कि प्रधानमंत्री राहत पैकेज में 15 हजार करोड़ रुपए डेयरी सेक्टर को दिए गए हैं। इससे सप्लाई चेन और डेयरी प्लांट्स स्थापित करने में भारतीय डेयरी इंडस्ट्री को मदद मिलेगी। इससे 4 से 5 करोड़ लीटर की अतिरिक्त क्षमता बढ़ेगी। इस अतिरिक्त 5 करोड़ लीटर से संगठित डेयरी इंडस्ट्री में करीबन 30 लाख लोगों को ग्रामीण भारत में रोजगार मिलेगा।

डेयरी ऑर्गनाइजेशन में 2011 में 18 वें नंबर पर थी अमूल

अमूल विश्व में डेयरी ऑर्गनाइजेशन में 2011 में 18 वें नंबर पर थी, जबकि अब यह 9वें नंबर पर है। दूध के उत्पादन में भारत का योगदान 50 प्रतिशत का वैश्विक स्तर पर है। भारत 8 लाख करोड़ रुपए के दूध का उत्पादन करता है। यह दालों और अनाजों को मिलाने के बाद दोनों के वैल्यू से ज्यादा है।

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दूध के उत्पादन में भारत का योगदान 50 प्रतिशत का वैश्विक स्तर पर है। भारत 8 लाख करोड़ रुपए के दूध का उत्पादन करता है।