7 दिन तक रेगिस्तान में 100 किमी का सफर तय करके अपने मालिक के वापस पहुंचा ऊंट, 9 महीने पहले इसे बेच दिया गया था 

जानवर अपने मालिक से कितना प्यार करते हैं इसका एक उदाहरण चीन के मंगोलिया में दिखा। कहानी एक बुजुर्ग ऊंट की है, जिसे 9 महीने पहले बेचा गया था,लेकिन ऊंट का मन अपने नए मालिक के यहां नहीं लगा। 9 महीने बाद उसने वापसी की और 7 दिन तक सड़क और रेगिस्तान के रास्ते 100 किलोमीटर की कठिन यात्रा तय करके अपने पुराने मालिक के पास पहुंच गया। जब ऊंट वहां पहुंचा तो उसके शरीर पर घाव के निशान थे, वह बेहद थका हुआ था।

एक चरवाहे ने उसे मालिक तक पहुंचाया
ऊंट जब रेगिस्तान से गुजर रहा था, तबएक चरवाहे की उस पर नजर पड़ी जो उसे पहले से पहचानता था। वह ऊंट को लेकर उसके पुराने मालिक के पास पहुंचा।

किसान की पत्नी का कहना है, इस ऊंट को हमने अपने यहां से एक मादा ऊंट देकर वापस खरीदा।

मालिक की आंखों में आंसू थे
स्थानीय अखबार बयां नूर के मुताबिक, यह मामला बयांन्नूर शहर का है। जब ऊंट लौटा तो उसके मालिक की आंखों में आंसू थे। पशु पालने वाले किसानदंपती का कहना है, ऊंट काफी बुजुर्ग था, इसलिए इसे अक्टूबर में बेचा गया था,लेकिन यह हम लोगों से बेहद प्यार करता है इसलिए लौट आया।

मालिक ने अपने ही ऊंट को वापस खरीदा
रिपोर्ट के मुताबिक, ऊंट पेड़-झाड़ियों के बीच, हाईवे और रेगिस्तान से होते हुए मालिक के पास पहुंचा, इसलिए उसकी पीठ पर काफी खरोंच और घाव थे। मालिक टीमर को ऊंट की तकलीफों से भरीयात्रा का पता चलने के बाद उसने इसे वापस खरीदा लिया। टीमर ने पिछले खरीदार को इसके बदले दूसरी मादा ऊंट दी।

ऊंट पेड़-झाड़ियों के बीच, हाईवे और रेगिस्तान से होते हुए मालिक के पास पहुंचा, इसलिए उसकी पीठ पर काफी खरोंच और घाव थे।

ऊंट को परिवार का सदस्य घोषित किया

इस घटना के बाद किसान दंपतीने ऊंट को मंगोलिया के परम्परागत स्कार्फ ‘हाडा’ से सजाया। ये स्कार्फ उसी की गर्दन में बांधा जाता है जिसे परिवार का सदस्य माना जाता है। किसान दंपती का कहना है कि वे अब इसे कभी नहीं बेचना चाहेंगे, क्योंकि यह घर के सदस्य जैसा है।

अपने पुराने मालिक को पाकर ऊंट की आंखों में भी आंसू छलक पड़े।

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इस घटना के बाद किसान दंपती ने ऊंट को मंगोलिया के परम्परागत स्कार्फ ‘हाडा’ से सजाया। ये स्कार्फ उसी की गर्दन में बांधा जाता है जिसे परिवार का सदस्य माना जाता है।