लुधियाना की एक दुकान के मालिक मनोज कुमार गुप्ता ने अपने मेडिकल स्टोर का नाम ”गुप्ता एंड डॉटर” रखा, लॉ स्टूडेंट बेटी आकांक्षा को सम्मान देने के लिए की ये पहल

दुकान के साइन बोर्ड पर आपने पिता के नाम के साथ ब्रदर्स या संस लिखा हुआ देखा होगा। यहां तक किपरिवार में बिजनेस बढ़ाने का काम भी पिता के बाद भाई या बेटे की जिम्मेदारी ही मानी जाती है।

इसी बीच लुधियाना की एक दुकान के मालिक मनोज कुमार गुप्ता ने अपने मेडिकल स्टोर का नाम ”गुप्ता एंड डॉटर” रखा है। उन्होंने अपनीबेटी आकांक्षा को सम्मान देने के लिए यह पहल की है।

लुधियाना के पखोवल रोड़ पर रहने वाले इस परिवार की सोशल मीडिया पर तारीफ हुई। एक यूजर ने साइन बोर्ड पर ट्विट करते हुए लिखा गुप्ता ने महात्मा गांधी की कहीं बात को सच साबित कर दिखाया है।गांधीजी ने कहा था अगर आप समाज में बदलाव चाहते हैं तो इसकी शुरुआत सबसे पहले अपने घर से ही करना होगी।

देखा जाए तो मनोज का यह प्रयास लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।मनोज के अनुसार जब मैंने इस साइन बोर्ड पर मेरे नाम के साथ डॉटर्स लिखने का फैसला किया तो परिवार के लोग खुश हुए। लेकिन कुछ बाहर के लोगों ने नाराजगी जताई।

दूसरों की बातों को नजरअंदाज कर गुप्ता ने अपने मन की सुनी और वो कर दिखाया जो चाहते थे। इससे पहले गुप्ता ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी की शुरुआत की थी जिसका नाम गुप्ता एंड संस रखा था। उसके तीन साल बाद जब उन्होंने अपने मेडिकल स्टोर को सेट किया तो संस के बजाय उस पर डॉटर का नाम लिखकर उसे सम्मानित किया।

वे कहते हैं मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। मैं समाज में बेटियों के नाम पर होने वाली लैंगिंग असमानता को खत्म करना चाहता हूं। मनोज के बेटे ने एमबीए किया है। वो भी अपने पिता के विचारों की कद्र करता है। मनोज अपनी पत्नी रमा को धन्यवाद देते हैं।

उनका कहना है कि रमा की सही परवरिश की वजह से ही बच्चे एक दूसरे का सम्मान करना सीख पाए। वे अपने घर का कोई बड़ा फैसला पत्नी की इजाजत के बगैर नहीं लेते हैं।

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Manoj Kumar Gupta, owner of a shop in Ludhiana, named his medical store “Gupta and Daughter”, this initiative for the sake of law student daughter Akanksha.