आईएमए ने कोरोना के सामुदायिक प्रसार पर डॉ वी के मोगा की राय को निजी बताया

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने अध्यक्ष डॉ वी के मोंगा के देश में कोराेना वायरस ‘कोविड-19’ के सामुदायिक प्रसार संबंधी बयान से किनारा करते हुए सोमवार को कहा कि यह उनकी निजी राय है। आईएमए हास्पिटल बोर्ड आफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ मोंगा ने शनिवार को कहा था कि देश में कोरोना मरीजों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, वह बहुत खतरनाक स्थिति है।

डॉ मोंगा ने कहा था कि यदि रोजाना 30 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं और गांवों में भी संक्रमण के मामले निकल रहे हैं, तो इसका तात्पर्य यह है कि स्थिति भयावह है। संघ के मुख्यालय से जारी बयान में कहा गया है, डॉ मोंगा के राय को निजी माना जाये।” संघ की तरफ से आज जारी बयान में कहा गया है कि डॉ मोंगा ने जो बयान दिया है, वह उनका निजी बयान माना जाये।

संघ ने अब दावा किया है कि देश के कुछ शहरी क्षेत्रों में कुछ क्लस्टर बने हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में किसी प्रकार को कोई क्लस्टर नजर नहीं आया है। गांवों में लोग खुले इलाके में रहते हैं, इस स्थिति में संक्रमण के प्रसार की संभावना कम रहती है। बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार को लेकर एजेंसी अपने अध्ययन के बाद ही निष्कर्ष निकालेगी। लोगों के समूह से जुटाये गए डेटा से आधिकारिक डेटा की गणना नहीं हो सकती है।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today