राजस्थान मे सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री गहलोत के नजदीकी लोगों पर सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है। मंगलवार को जयपुर में सीबीआई ने मुख्यमंत्री गहलोत के ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) देवाराम सैनी को पूछताछ के लिए बुलाया। वहीं, गहलोत गुट की विधायक कृष्णा पूनिया के घर पर मंगलवार को भी सीबीआई की टीम पहुंची। पूनिया से 2 घंटे पूछताछ हुई। बताया जा रहा है कि राजगढ़ एसएचओ विष्णुदत्त बिश्नोई की आत्महत्या के मामले से जांच को लेकर सीबीआई ने यह पूछताछ की।
मंगलवार सुबह देवाराम सैनी सीबीआई ऑफिस पहुंचे। वे करीब एक घंटे तक सीबीआई ऑफिस में रहे। जब बाहर आए तो मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मैं अपने परिचित सेमुलाकात के लिए आया था।’उनके साथ मुख्यमंत्री के पीएसओ किशोरी लाल सैनी भी मौजूद रहे।
पूनिया से कल भी तीन घंटे पूछताछ हुई थी
सीबीआई की टीम सोमवार को जयपुर में कृष्णा पूनिया के घर पहुंची। पूनिया उस वक्त तो घर पर नहीं थीं, लेकिन वापस लौटीं तो सीबीआई ने उनसे करीब 3 घंटे तक पूछताछ की।
22 मई को विश्नोईने आत्महत्याकी थी
चूरू के राजगढ़ थाने के पूर्वसएचओ विष्णुदत्त बिश्नोई ने 22 मई की रात को अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एसपी और परिजनों के नाम से अलग-अलग सुसाइड नोट लिखे थे। उनमें लिखा था कि- बुजदिल नहीं हूं, लेकिन चारों तरफ इतना प्रेशर बना दिया गया कि तनाव नहीं झेल पाया। इस घटना के बाद राजगढ़ थाने के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया था। सरकार ने सीबीआई को जांच सौंप दी थी।
राज्य सरकार ने सीबीआई की एंट्री पर लगाई रोक
सोमवार को राजस्थान सरकार ने बिना परमिशन सीबीआई की एंट्री पर रोक लगा दी थी। गहलोत सरकार का यहफैसला फोन टैपिंग कांड में गृह मंत्रालय की ओर सेरिपोर्ट तलब करने के दूसरे ही दिन आया। हालांकि अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और इंटर-स्टेट मामलों में अब भी सीबीआई को राज्य सरकार की परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।
विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में दलाल संजय जैन की फोन टैपिंग को लेकर गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को नोटिस भेजकर पूछा था कि किन नियमों के तहत फोन टैप किए गए। इसके बाद कांग्रेस नेताओं की ओर से यह आशंका जताई जाने लगी कि इनकम टैक्स, ईडी के बाद अब सीबीआई का दबाव भीडाला जा सकता है।
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