घर के अंदर घरवालों से ही कोरोना फैलने का खतरा ज्यादा, हर 10 में से एक मामला ऐसा निकल रहा

बाहरी लोगों के मुकाबले घर के लोगों से ही घर में कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है। यह दावा साउथ कोरिया के महामारी विशेषज्ञों ने अपनी रिसर्च में किया है। अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक, हर 10 में से एक कोरोना के मामले में परिवार के सदस्य ही कैरियर के रूप में सामने आए हैं।

रिसर्च कोरोना के 5,706 मरीजों पर की गई।रिसर्चर्सके मुताबिक, अगर घर में कोई कोरोना का मरीज है तो 10 से 19 साल का किशोर या युवा10 दिन के अंदर संक्रमित पाए गए।

संक्रमण में उम्र का फैक्टर सबसे अहम

शोधकर्ताओं के मुताबिक, संक्रमण के मामलों में उम्र का रोल अहम है। घर में अगर कोरोना का पहला मामला टीनएजर्स या 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में सामने आता है तो संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। साउथकोरिया के सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डायरेक्टर जियॉन्ग यून-केयॉन्ग के मुताबिक, इसउम्रके लोगों से परिवार के सदस्यों का सम्पर्क ज्यादा होता है।

9 साल से कम के बच्चों में खतरा कम

शोधकर्ता डॉ. चो यूंग-जून के मुताबिक, वयस्कों के मुकाबले 9 साल या इससे कम उम्र के बच्चों में खतरा कम है। ऐसे ज्यादातर बच्चों में कोरोना के एसिम्प्टोमैटिक मामले सामने आनेका खतराहै। इसलिए कई बार लक्षणों के आधार पर पहचान करना मुश्किल होता है। रिसर्च के दौरान यह बात साबित भी हुई है।

20 जनवरी से 27 मार्च के बीच हुई रिसर्च

रिसर्च 20 जनवरी से लेकर 27 मार्च के बीच की गई है। इस दौरान साउथ कोरिया में कोरोना के मामले तेज से बढ़े और अपनीचरम स्थिति तक पहुंचे। सोमवार को यहां कोरोना के 45 नए मामले सामने आए। साउथ कोरिया में अब तक कोरोना के 13,816 मामले सामने आ चुके हैं और 296 मौतें हुईं हैं।

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South Korea Coronavirus Latest Research: Risk Of Spreading COVID Infection From People At Home