मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनलों के जरिए कई दौर की बातचीत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के दखल के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने की कोशिश नहीं कर रहा है। इसके अलावा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 40 हजार जवानों की तैनाती पूर्वी लद्दाख सेक्टर में जारी है।
हथियारबंद जवान, बख्तरबंद वाहन अभी भी मौजूद
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर के विवाद वाले इलाकों से चीन की सेना पीछे नहीं हट रही है। चीन पिछले दिनों हुई बातचीत में हुए समझौतों को भी नहीं मान रहा है। इसके अलावा इन इलाकों में करीब 40 हजार सैनिकों की तैनाती हो रही है। यहां चीन का एयर डिफेंस सिस्टम, बख्तरबंद गाड़ियां, बड़े हथियार और लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपें मौजूद हैं।
गोगरा और हॉट स्प्रिंग में कंस्ट्रक्शन किया
सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते दोनों सेनाओं के कमांडरों की बातचीत के बावजूद ग्राउंड पोजिशन नहीं बदली हैं। फिंगर 5 एरिया से चीन के जवान पीछे नहीं हटना चाहते हैं, बल्कि वे सिरीजाप में अपनी पुरानी लोकेशन पर पहुंच गए हैं। चीन के सैनिक यहां पर एक ऑब्जर्वेशन पोस्ट बनाना चाहते हैं। हॉट स्प्रिंग और गोगरा पोस्ट के इलाके में भी काफी कंस्ट्रक्शन खड़ा कर लिया है।
चीन का तर्क है कि अगर उसकी सेना पीछे हटी तो गोगरा और हॉट स्प्रिंग में भारतीय सेना को पीएलए पर बढ़त हासिल करने वाली ऊंची पोजिशन हासिल हो जाएगी। जबकि, 14-15 जुलाई को हुई कमांडर लेवल की बातचीत में इलाके से तनाव कम करने पर सहमति बनी थी।
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