कोरोना के फैलाव का पता लगाने हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच सीरो सर्वे

राजधानी में एक चौथाई आबादी कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है। इसका पता नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और दिल्ली सरकार के सीरो सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। अब दिल्ली सरकार ने सीरो सर्वे हर महीने कराने का फैसला लिया है, ताकि पता लगा सकें कि कितना फर्क पड़ रहा है। यह जानकारी प्रेसवार्ता में बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने दी। जैन ने कहा कि सीरो सर्वे 1 अगस्त से 5 अगस्त तक किया जाएगा और 21 हजार से अधिक सैंपल लिए जाएंगे।

जैन ने कहा कि दिल्ली में पहला सर्वे सिर्फ दिल्ली के कंटेंनमेंट जोन में किया गया था, लेकिन दूसरी बार सीरो सर्वे पूरी दिल्ली में किया गया। दूसरे सर्वे में हम कह सकते है कि 24 प्रतिशत आबाद संक्रमित होकर ठीक हो चुकी है, लेकिन पहले सर्वे में यह नहीं कह सकते थे। सीरो सर्वे में ब्लड का सैंपल लिया जाता है। इसमें पता लगाया जाता है कि शरीर में कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए एंटी-बॉडीज बनी है या नहीं बनी है। एंटी-बॉडीज बनने का मतलब है कि आपको कोरोना हुआ और आप ठीक हो गए।

हार्ड इम्युनिटी बन गई कहना संभव नहीं

अभी दिल्ली में हार्ड इम्युनिटी बन गई कहना मुश्किल है। विशेषज्ञों का कहना है कि 40 से 70 प्रतिशत लोग संक्रमित होकर ठीक हो जात है तो हार्ड इम्युनिटी बन जाती है। अभी तक दिल्ली में 24 प्रतिशत का डाटा आ चुका है और वे ठीक हो चुके है। लेकिन अभी नए केस आ रहे हैं। इसलिए अभी यह कहना कि हार्ड इम्युनिटी बन रही है या नहीं यह संभव नहीं है। हार्ड इम्युनिटी बनने की बात तभी कहेंगे जब नए केस आना बंद हो जाएंगे।

दिल्ली में सामुदायिक फैलाव हो चुका है

जैन ने कहा कि दिल्ली में समुदाय में फैलाव है। यह मैं पिछले दो महीने से कह रहा हूं और 25 प्रतिशत लोग संक्रमित होकर ठीक हो चुके है। अब इसे सामुदायिक फैलाव कहते हैं या नहीं कहते हैं। यह एक डिक्शनरी का वर्ड है। इसके बारे में एनसीडीसी या केंद्र सरकार ही फैसला करेंगी कि यह सामुदायिक फैलाव है या नहीं है। जैन ने कहा कि अभी सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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