नई दिल्ली उत्तरी दिल्ली नगर निगम की करीब चार माह बाद बुधवार को सिविक सेंटर आयोजित हुई सदन बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) विपक्षी दल के नेता विकास गोयल ने सत्ता पक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इसके कारण सदन सामान्य रूप से नहीं चल सकी। इस दौरान कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने सत्ता पक्ष और विपक्षी दल की मुख्य भूमिका निभा रही आम आदमी पार्टी पर को भी अपनी जिम्मेदारियों से भागने पर घेरा।
वहीं हंगामे के आसार देखते हुए सत्ता पक्ष ने दो प्रस्ताव पारित कर दिए। जिसमें पहला निगम पार्षदों को निगम कर्मियों की तरह निगम द्वारा मान्य पैनल अस्पताल व लैब्स आदि में सीजीएचएस व डीजीएचएस की दर पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। दूसरा उत्तरी निगम के शहरी सदर पहाड़गंज जोन, करोल बाग जोन व नरेला जोन में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए मशीनरी और वाहनों की खरीद संबंधी है। महापौर जय प्रकाश ने बताया कि जलभराव और कोरोना के संबंध में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में चर्चा नहीं होने दी।
गैर कानूनी है एमएचओ की नियुक्ति : विकास गोयल
सदन की बैठक में नेता विपक्ष विकास गोयल ने सत्ता दल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जिसके चलते बैठक को हंगामे के बाद कुछ देर स्थगित करना पड़ा। विकास गोयल ने आरोप लगाया कि जन-स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डाॅ. अशोक रावत की नियुक्ति गैर-कानूनी है। उन्होंने सदन में उजागर किया कि डाॅ. अशोक रावत बिना आदेश के गैर-कानूनी तरीके से कार्य कर रहे हैं।
विपक्षी व सत्ता पक्षलापरवाह : मुकेश गोयल
कांग्रेस दल के नेता पार्षद मुकेश गोयल ने सदन बैठक में नालों की सफाई व बरसाती पानी की निकासी और कोरोना पर चर्चा की मांग की थी। जिसे महापौर ने स्वीकार कर लिया लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस विषय को हाउस में उठने ही नहीं दिया। आप पर आरोप लगाते हुए मुकेश गोयल ने कहा कि दिल्ली सरकार और नगर निगम अपनी जिम्मेदारियों को निभाने असफल रहीं हैं।