कोरोनावायरस महामारी ने देश और दुनिया के आर्थिक सुधार पर रोक लगा दी है। जिसकी वजह से अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव के चलते मेटल की डिमांड कम हो रही है।
बुलियन (गोल्ड, सिल्वर या अन्य मेटल का बार) सातवें सप्ताह लाभ की तरफ बढ़ रहा है। 2011 के बाद मेटल की ग्रोथ का ये सबसे लंबा टाइम है। दूसरी तरफ, चांदी अपने चार दशकों में सबसे बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। वहीं, सोना 1900 डॉलर (1.4 लाख रुपए) प्रति औंस के करीब पहुंच चुका है।
चांदी चार दशकों में सबसे बड़े वीकली लाभ के लिए तैयार
टूट चुका रियल एस्टेट, कमजोर डॉलर, स्वास्थ्य संकट की आर्थिक लागत पर चिंताओं की अनिश्चितताओं ने एक दशक में अपने सबसे बड़े वार्षिक लाभ के लिए दोनों कीमती धातुओं को ट्रैक पर रखा है। यूबीएस ग्रुप एजी ने सोने के लिए सितंबर के आखिर तक अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 2,000 डॉलर (1.5 लाख रुपए) प्रति औंस तक कर दिया है।
बाजर की अनिश्चितता के चलते कीमतें बढ़ेंगी
मोबियस कैपिटल पार्टनर्स के सह-संस्थापक मार्क मोबियस ने ब्लूमबर्ग से एक इंटरव्यू में कहा, “जब ब्याज दरें शून्य या शून्य के करीब होती हैं, तो सोना एक आकर्षक माध्यम बना जाता है, क्योंकि आपको अपने सोने पर ब्याज नहीं मिलने की चिंता होती है। आप देखते हैं कि सोने की कीमत बढ़ेगी, क्योंकि बाजारों में अनिश्चितता बढ़ रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अब सोना खरीदकर रखूंगा और खरीदना जारी रखूंगा, क्योंकि सोने की कीमतें तेजी से भाग रही है, जो अच्छी बात है।”
ऑल-टाइम हाई से गोल्ड 40 डॉलर दूर
सिंगापुर में सुबह 9:16 बजे हाजिर सोना 0.1% घटकर 1,885.52 डॉलर प्रति औंस हो गया था। सितंबर 2011 में रिकॉर्ड 1,921.17 डॉलर के बाद गुरुवार को कीमतें 1,898.34 डॉलर पर पहुंच गई थीं। स्पॉट चांदी 0.3% बढ़कर 22.6566 डॉलर प्रति औंस हो गई। 1980 के बाद ये सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त के लिए तैयार है। दूसरी तरफ, स्पॉट गोल्ड की कीमतें ऑल-टाइम हाई से 40 डॉलर दूर हैं।