राजस्थान हाईकोर्ट से पायलट खेमे को राहत मिल गई है। यानी, स्पीकर सीपी जोशी फिलहाल पायलट समेत 19 विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं कर सकते। अब पूरा मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद तय होगा। फैसला कुछ भी हो पायलट खेमे के विधायकों के लिए विधायकी बचाना बहुत मुश्किल लग रहा है।
अभी राजस्थान विधानसभा की क्या स्थिति है? गहलोत खेमे के दावे के मुताबिक संख्या बल क्या कहता है? अगर निर्दलीय और सभी छोटे दल भाजपा के साथ चले जाएं तो क्या होगा? पायलट खेमे के विधायकों के लिए विधायकी बचाने के क्या रास्ते हैं? जवाब जानिए इस रिपोर्ट के जरिए…
छोटी पार्टियों के विधायक क्या गहलोत को समर्थन देंगे?
कहना मुश्किल है। क्योंकि…
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भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के दो विधायक फिलहाल गहलोत के साथ होने की बात कर रहे हैं। हालांकि, पहले एक विधायक ने वीडियो पोस्ट कर आरोप लगाया कि उन्हें बंधक बनाने की कोशिश की जा रही है। साथही उनकी पार्टी के अध्यक्ष ने भी कांग्रेस और भाजपा दोनों को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया था।
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सीपीएम के दो विधायक हैं। इनमें बलवान पूनिया गहलोत को समर्थन देने की बात कर रहे हैं तो गिरधारी लाल तटस्थ रहने की बात कह रहे हैं।
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रालोद के एक मात्र विधायक सुभाष गर्ग गहलोत कैबिनेट में मंत्री हैं। ऐसे में फ्लोर टेस्ट होने पर वो गहलोत के साथ जा सकते हैं। हालांकि, मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार में निर्दलीय कोटे से मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल सत्ता परिवर्तन होते ही भाजपा के साथ चले गए। इस तरह के कई उदाहरण हैं।
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