तीन दिन तक चली वायुसेना की कॉन्फ्रेंस शुक्रवार को खत्म हो गई। एयर फोर्स के टॉप कमांडर ने इस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए 10 साल के रोडमैप का खाका तैयार किया। इसके मुताबिक, वायुसेना का फोकस उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर उभर रहे खतरों का जवाब देने के लिए ताकत बढ़ाने, जल्द से जल्द राफेल की पूर्वी लद्दाख में तैनाती और नई तकनीक के इस्तेमाल पर होगा।
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव को लेकर एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, उनके सभी कमांडर इन चीफ में लंबी चर्चा हुई।
एयर चीफ मार्शल बोले- उभरते हुए खतरों को पहचानने की जरूरत
- कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने क्षमता बढ़ाने, मौजूदा संसाधनों के काम करने का वक्त बढ़ाने और नई तकनीक को कम से कम समय में अपनाए जाने पर जोर दिया। एयरफोर्स के प्रवक्ता के मुताबिक, वायुसेना प्रमुख ने विजन 2030 को लेकर बात की।
- आने वाले दशक में वायुसेना बदलाव की दिशा में एक मुकाम हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि इस वक्त लगातार बदलते दौर में जरूरत उभरते हुए खतरों को पहचानने की है।
- वायुसेना को स्थाई क्षमता का विकास करना होगा और इसके लिए बड़े लक्ष्य रखने होंगे। इसके अलावा तकनीक और हथियारों के अपने ही देश में विकास के लिए मंच तैयार करना होगा।
- वायुसेना के लिए उसके पर्सनल सबसे जरूरी पूंजी हैं। ऐसे में इनके रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग और मोटिवेशन स्ट्रैटजी में बदलते वक्त के साथ बदलाव लाना होगा।
कॉन्फ्रेंस में राजनाथ ने वायुसेना की तारीफ की थी
वायुसेना प्रमुख ने अपने कमांडरों के साथ चुनौतियों से निपटने की रणनीति, तैयारियों का कई बार रिव्यू भी किया। मौजूदा हालात के बारे में लंबी बातचीत के बाद अगले दशक में वायुसेना में किए जाने वाले बदलावों का खाका खींचा। इस कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना की तारीफ की थी।
उन्होंने कहा था कि चीन से जारी तनाव के बीच वायुसेना ने बड़ी ही तेजी से फॉरवर्ड लोकेशन पर लड़ाकू विमानों की तैनाती की। हाल में वायुसेना के ऑपरेशनों और बालाकोट स्ट्राइक से विरोधियों को एक कड़ा संदेश गया।
कॉन्फ्रेंस में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने भी कमांडरों से बातचीत की। इस दौरान सभी सेनाओं के मिलकर काम करने और इंटीग्रेटेड वार फाइटिंग पर चर्चा हुई।
पिछले कई हफ्तों से लद्दाख में रात के वक्त निगरानी कर रही वायुसेना
अधिकारियों ने बताया कि कमांडर चाहते हैं कि इसी महीने 29 जुलाई को मिलने वाले राफेल फाइटर जेट को अगले महीने तक जल्द से जल्द पूर्वी लद्दाख में तैनात कर दिया जाए। पिछले कई हफ्तों से वायुसेना इस इलाके में रात के समय निगरानी कर रही है। इससे चीन को यह संदेश गया है कि हम इस इलाके में की गई किसी भी हिमाकत का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
वायुसेना ने सुखोई एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 जैसे फाइटर जेट्स पूर्वी लद्दाख के फ्रंट एयर बेस पर तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास फॉरवर्ड बेस पर इनकी तैनाती की गई है, क्योंकि चीन विवाद वाली कई जगहों से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
कई फॉरवर्ड लोकेशन पर अपाचे, चिनूक जैसे हेलिकॉप्टर की तैनाती की गई है। इसके अलावा सी-17 ग्लोबमास्टर और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट पर भी एयरफोर्स का जोर है, ताकि भारी मिलिट्री इक्विपमेंट और हथियार फॉरवर्ड पोस्ट तक पहुंचाए जा सकें।
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