कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन का शुक्रवार को एम्स में मानव परीक्षण शुरू हो गया। पहले दिन 30 साल के एक व्यक्ति को वैक्सीन की खुराक दी गई। कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आने पर उसे घर भेज दिया गया। शनिवार से बाकी लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। एम्स में कोविड वैक्सीन प्रोजेक्ट के प्रमुख शोधकर्ता और कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने बताया कि दिल्ली निवासी पहले व्यक्ति की दो दिन पहले जांच की गई थी और उसकी सभी रिपोर्ट ठीक आई।
पहले डोज के तौर पर उसे 0.5 एमएल का इंजेक्शन दोपहर 1.30 बजे दिया गया। दो घंटे तक कोई साइड इफेक्ट नहीं आने देने पर उसे घर भेज दिया गया। अब उस पर सात दिन तक निगरानी रखी जाएगी। पहले चरण में 375 लोगों पर परीक्षण होगा और इनमें से 100 एम्स से होंगे। वैक्सीन के पहले और दूसरे फेज के परीक्षण में कम से कम 60 दिन का समय लगता है। यह मानक पूरी दुनिया में पहले से तय है।
पहले चरण में 375 और दूसरे चरण में 750 लोगों पर ट्रायल
दिल्ली एम्स उन 12 साइट्स में से एक है जिसे आईसीएमआर ने ट्रायल के पहले और दूसरे चरण के लिए चुना है। पहले चरण में 375 वॉलंटियर पर ट्रायल होगा। इनमें से 100 एम्स से होंगे। पहला चरण सफल रहने पर ही दूसरे चरण का ट्रायल होगा। दूसरे चरण में सभी 12 साइट्स मिलाकर 750 वॉलंटियर पर ट्रायल होगा। फेज-1 का ट्रायल 18 से 55 साल के लोगों पर किया जा रहा है। दूसरे चरण में 12 से 65 साल के लोगों पर ट्रायल होगा।
-डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स