देश और दुनिया में कोविड-19 फैलाने वाले वायरस का स्ट्रेन एक जैसा, यही खासियत असरदार वैक्सीन को बनाने में मददगार साबित होगी

भारत और दुनियाभर में कोविड-19 फैलाने वाला कोरोना वायरस का स्ट्रेन एक जैसा है। इसी खूबी के कारण वैक्सीन और भी ज्यादा असरदार बनाई जा सकेगी। यह कहना है कि सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिकुलर बायोलॉजी, हैदराबाद के डायरेक्टर राकेश मिश्रा का। उनका कहना है कि कोरोनावायरस की विस्तृत जीन मैपिंग से जो नतीजे सामने आए हैं वो इशारा करते हैं कि इसके म्यूटेट होने की आशंका कम है और ये अधिक खतरनाक रूप नहीं लेगा।

315 वायरल जीनोम की स्टडी की
हैदराबाद सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिकुलर बायोलॉजी ने 315 कोरोनावायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग का अध्ययन किया। यहां के शोधकर्ताओं ने देशभर के सैंपल जुटाए। यहां की आबादी में मौजूद 1700 कोरोनवायरस के सीक्वेंस का विश्लेषण किया। डायरेक्टर राकेश मिश्रा के मुताबिक, वायरस एक साल में 26 बार म्यूटेट हो रहा है यानी औसतन हर 15 दिन में एक बार। अभी जो कोरोना संक्रमण फैला रहा है उसके खतरनाक वायरस में तब्दील होने के आसार बेहद कम हैं।

कई अहम जानकारियां आनी बाकी हैं

राकेश मिश्रा के मुताबिक, वायरस के म्यूटेशन की स्टडी में अब तक जो नतीजे सामने आए हैं उसके मुताबिक, या तो ये न्यूट्रल हैं या खुद को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। आगे और भी नए सैम्पल्स की जीनोम सिक्वेंसिंग की जानी है। इनकी रिपोर्ट इस बात को समझने में मदद करेगी कि वायरस किस हद तक संक्रमण फैलाता है। ताकि ये नतीजे वैक्सीन तैयार करने और मरीजों के इलाज में लागू किए जा सकें।

कोरोना दो प्रमुख स्ट्रेन A2a और A3i सामने आए

शोधकर्ताओं के मुताबिक, अब तक की रिसर्च में कोरोना के दो प्रमुख स्ट्रेन सामने आए हैं, A2a क्लेट और A3i क्लेड। ये दोनों स्ट्रेन एक ही तरह के पूर्वज वायरस से म्यूटेट होकर बने हैं। कोरोना के म्यूटेशन यानी खुद को बदलने की क्षमता को समझना जरूरी है। इससे वायरस के संक्रमण फैलाने की पावर का पता चलता है। जीनोम सिक्वेंसिंग की मदद से इसके डीएनए की एनालिसिस की जाती है। एनालिसिस यह बताती है कि यह कैसे विकसित हो रहा है।

देश में 90 फीसदी तक कोरोना का A2a स्ट्रेन
राकेश मिश्रा के मुताबिक, दुनियाभर में सबसे ज्यादा कोरोनावायरस का A2a स्ट्रेन है। देश में 80 से 90 फीसदी तक वायरस के इसी स्ट्रेन का जीनोम सिक्वेंस देखने को मिला है। इस स्ट्रेन में 4 बार म्यूटेशन हुआ है लेकिन यह महामारी के शुरुआती दौर (मार्च अंत से अप्रैल के मध्य तक) में ही खतरनाक रूप में था। दिल्ली को छोड़कर यह दूसरे राज्यों में जून तक दिखाई दिया था। इसके बाद A3i स्ट्रेन दिखाई दिया जो कोरोना का कमजोर रूप है। भारत में तमिलनाडु और हैदराबाद में यह स्ट्रेन सबसे अधिक देखा गया।

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