कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी काफी कारगर साबित हो रही है। जिले में करीब 72 लोगों ने कोरोना से ठीक होकर अपना प्लाज्मा डोनेट किया है। इससे अन्य मरीजों का इलाज किया जा रहा और वे ठीक भी हो रहे हैं। इसलिए जिला प्रशासन ऐसे लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने का आह्वान कर रहा है जो कोरोना से ठीक हो गए हैं। डीसी यशपाल यादव ने सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय में प्लाज्मा डोनेट कैंप का शुभारंभ करने के बाद यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करना ब्लड डोनेट के समान ही है। प्लाज्मा डोनेट अभियान में जिला प्रशासन के विभिन्न कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी आगे आ रहे हैं। नेशनल स्तर पर रिसर्च में यह सामने आया है कि प्लाज्मा थैरेपी से मरीज की स्थिति अनुसार इलाज किया जाए तो इसके सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं। ऐसे में सरकार ने इस थैरेपी से इलाज की अनुमति दी है।
फरीदाबाद ईएसआई अस्पताल में डा. निमीशा की देखरेख में प्लाज्मा डोनेट का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा लोगों को जागरूक होना चाहिए। जो भी व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट करना चाह रहा है, वह ईएसआई अस्पताल में संपर्क करे या डा. निमीशा से मिले। प्राइवेट अस्पताल भी इस बात का ध्यान रखें कि वह प्लाज्मा डोनर की मांग हेल्थ विभाग के अधिकारियों के माध्यम से करें।
सीधे तौर पर प्लाज्मा न लें। डीसी ने कहा कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट आने के 14 दिन बाद से 4 माह तक प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है। लेकिन पहले एंटी बाडी टेस्ट किया जाता है और उस आधार पर ही प्लाज्मा लिया जाता है। इसके लिए हर कोई व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कोरोना से बचने का उपाय लगातार मास्क का प्रयोग करना तथा हाथों को सेनिटाइज करना है। अगर हम इसमें लापरवाही करते हैं तो संक्रमण की संभावना है। ऐसे में लोगों को जिंदगी बचाने के लिए प्लाज्मा थैरेपी कारगर है। उन्होंने कहा ईएसआई अस्पताल में जल्द ही हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी, जिससे डोनर सीधे रूप से संपर्क कर प्लाज्मा डोनेट कर सकें।