काेरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन से अब तक चार माह में दिल्ली मेट्रो रेल कापोर्रेशन(डीएमआरसी) को लगभग 1200 करोड़ का नुकसान हो चुका है। पिछले चार माह से मेट्रो का संचालन बंद होने के कारण डीएमआरसी की आमदनी ठप है। वहीं अपने कर्मचारियों के वेतन व अन्य खर्च पर करोड़ों रुपए प्रति माह खर्च करना पड़ रहा है। ऐसे में अब डीएमआरसी को मेट्रो बनाने के लिए लिया गया लोन चुकाना मुश्किल हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए डीएमआरसी ने केंद्र सरकार से मदद मांगने के साथ ही लोन की किश्त चुकाने के लिए अगले साल तक की मोहलत मांगी है। डीएमआरसी से सूत्रों के मुताबिक मेट्रो परिचालन से रोजाना लगभग 10 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी। बीते 22 मार्च से मेट्रो सेवा लॉकडाउन के चलते बंद है। ऐसे में बीते चार महीने में डीएमआरसी को 1200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। डीएमआरसी के कर्मचारी लगातार काम कर रहे है इसलिए उनके वेतन का खर्च भी डीएमआरसी उठा रही है। मेट्रो को दुरुस्त रखने के लिए ट्रैक पर रोजाना कुछ मेट्रो ट्रेन भी चलाई जा रही है।
नेटवर्क के लिए जापान से ले रखा है 35 हजार करोड़ का कर्ज
दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क बनाने के लिए भारत सरकार के माध्यम से जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी से लगभग 35 हजार करोड़ का लोन लिया था। इस लोन की रकम को 30 वर्षों में डीएमआरसी को चुकाना है। बता दें कि हर वर्ष इस कर्ज को डीएमआरसी समय पर चुकाती रही है। लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से मेट्रो सेवा बंद है। ऐसे में इस वर्ष डीएमआरसी को 1242.8 करोड़ रुपयों की किश्त चुकानी है। लेकिन वह इसका भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। डीएमआरसी ने लोन चुकाने में असमर्थता जताते हुए केंद्र सरकार से लोन की किश्त चुकाने के लिए एक वर्ष की मोहलत मांगी है।
डीएमआरसी का रखरखाव पर भी हो रहा खर्च
डीएमआरसी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में लगभग 400 किलोमीटर नेटवर्क वह बना चुके हैं। उनके 285 मेट्रो स्टेशन ट्रैक मेट्रो आदि को अभी चालू हालत में रखा जा रहा है। इसके साथ ही लगभग 10 हजार कर्मचारियों का वेतन भी डीएमआरसी दे रही है। ऐसे में आमदनी नहीं होने के चलते डीएमआरसी के लिए पहली बार ऐसी मुश्किल घड़ी सामने आई है।