28 जुलाई को किया जाएगा इस सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत, सौभाग्य और समृद्धि के लिए इस दिन होगी देवी पार्वती की विशेष पूजा

28 जुलाई को इस सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत किया जाएगा। ये सावन के हर मंगलवार को किया जाता है। इससे पहले 7,14, 21 और 28 तारीख को ये व्रत किया गया था। काशी के ज्योतिषाचार्य और धर्म शास्त्रों के जानकार पं. गणेश मिश्र के अनुसार इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की हर समस्या दूर हो सकती है। खासतौर से अगर मंगल दोष समस्या हो तो इस दिन की पूजा बहुत ही फायदेमंद होती है। पति की लंबी उम्र के लिए भी ये व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाओं के अलावा ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं। माना जाता है कि इससे अच्छा पति मिलता है।

व्रत का महत्व
पं. मिश्रा का कहना है कि अविवाहित महिलाओं के मंगला गौरी व्रत करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। इससे सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति भी होती है। युवतियों और महिलाओं की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कमी होती है या शादी के बाद पति से अलग होने या तलाक हो जाने जैसे अशुभ योग निर्मित हो रहे हो तो उन महिलाओं के लिए मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से फलदायी है।

व्रत कथा
लोक कथा के अनुसार धर्मपाल नाम के सेठ के पास बहुत सारी धन-संपत्ति थी। पत्नी भी अच्छी थी, लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। इसलिए वह दुखी रहता था। लंबे समय बाद भगवान की कृपा से उसे एक पुत्र हुआ। पुत्र के लिए ज्योतिषियों की भविष्यवाणी थी कि बच्चे की उम्र कम रहेगी और उम्र के सोलहवें साल में सांप के डसने से मृत्यु होगी।जब पुत्र थोड़ा बड़ा हुआ तो उसकी शादी ऐसी लड़की से हुई जिसकी माता मंगला गौरी व्रत करती थीं। इस व्रत को करने वाली महिला की बेटी को आजीवन पति का सुख मिलता है और वह हमेशा सुखी रहती है। इसलिए इस व्रत के शुभ प्रभाव से धर्मपाल के पुत्र को भी लंबी उम्र मिली।

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The last Mangla Gauri fast of this Sawan will be done on July 28, special worship of Goddess Parvati will be done on this day for good luck and prosperity.