स्कूल कैंटीन और गेट से 50 मीटर दायरे में बच्चों को कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स, छोले-भटूरे, पिज्जा, बर्गर, पकौड़े बेचना अपराध माना जाएगा। बिक्री के अलावा ऐसे पदार्थाें का प्रचार भी अपराध माना जाएगा। इसके उल्लंघन पर फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एक्ट के तहत जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने स्कूलाें के लिए रेगुलेशन तैयार किया है। स्वास्थ्य मंत्री की मंजूरी के बाद इसका नोटिफिकेशन जारी हाेगा। यह नियम जुलाई 2021 से लागू होगा। अब स्कूल कैंटीन चलाने के लिए लाइसेंस लेना होगा। बच्चों को क्या खाना है यह भी कैंटीन में बोर्ड पर लिखा होगा।
फूड सेफ्टी एक्ट में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान
फूड सेफ्टी एक्ट के उल्लंघन पर छह माह से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। अस्वच्छ खाने पर एक लाख रुपए, खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना। छह माह से एक वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। काेई खाद्य पदार्थ खाने से जान पर बन आई हो ताे उस स्थिति में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।