पलवल में हनी ट्रैप में फंसे एक आरएमपी डॉक्टर ने छह दिन पहले जहर खाकर जान दे दी थी। इसके बाद इस मामले में फंसे आरोपी ने अब पत्नी और बेटी के साथ ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। 21 जुलाई को चांदहट पुलिस ने आरोपी, उसकी पत्नी और बेटी के खिलाफ डॉक्टर को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था। बताया जाता है आरोपी ने इलाज के बहाने डॉक्टर से संपर्क किया था।
डॉक्टर और आरोपी दोनों के सुसाइड कर लेने के बाद इनके राज इन्हीं के साथ दफन हो गए। क्योंकि दोनों पक्षों के लोग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। चांदट पुलिस और जीआरपी भी अभी कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस का कहना है कि मामला काफी पेंचीदा है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
पलवल के छज्जूनगर निवासी आरएमपी डॉक्टर के आत्महत्या की यह है कहानी
पलवल के छज्जूनगर निवासी आरएमपी डॉक्टर नरेंद्र के आत्महत्या करने की जो कहानी सामने आई है उसमें कहा गया है कि नरेंद्र ने 21 जुलाई की सुबह करीब 11.30 बजे अपने भाई कैलाश को फोन कर कहा कि उन्होंने जहर खा लिया है। जब कैलाश ने जहर खाने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया था कि हसनपुर के करीमपुर के रहने वाले राकेश, उनकी पत्नी बिमलेश और बेटी प्रीति ने उन्हें ब्लैकमेल कर लाखों रुपए ऐंठ लिए हैं।
21 जुलाई को 7027057809 नंबर से फिर पैसे मांगने के लिए फोन आया। जब डॉक्टर ने पैसे देने से इनकार कर दिया तो राकेश, उसकी पत्नी बिमलेश और बेटी प्रीति ने दुष्कर्म के झूठे आरोप में फंसाकर जेल भिजवाने कि धमकी दी। इन लोगों द्वारा टार्चर करने से परेशान होकर नरेंद्र ने जहर खा लिया था।
दस साल से डॉक्टर करते थे प्रैक्टिस
डॉक्टर के बड़े भाई कैलाश ने बताया कि नरेंद्र रसूलपुर रोड फाटक के पास करीब 10-11 साल से प्रैक्टिस करते थे। उनके तीन बच्चे हैं। एक की सादी हो चुकी है जबकि दो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया हो सकता है कि आरोपियों की मुलाकात इलाज के दौरान हुई हो। लेकिन डॉक्टर ने कभी घर में इस बात की चर्चा नहीं की थी।
उन्होंने कहा यह बात यदि पहले सामने आई होती तो बैठकर मामले को शार्टआउट करा दिया जाता। चांदहट थाने के जांच अधिकारी एएसआई जीतराम के अनुसार डॉक्टर के मोबाइल से एक आडियो मिला है। इसमें दोनों की बातें रिकार्ड हैं। लेकिन दोनों की मुलाकात कब से हो रही थी। इसका कोई जिक्र नहीं है।
छह दिन बाद आरोपियों ने दे दी जान
आरएमपी डॉक्टर ने जिन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था वह पुलिस के पकड़े जाने के डर से छह दिन बाद रविवार को हसनपुर से रसूलपुर फाटक के पास पहुंचे और तीनों (आरोपी राकेश, पत्नी बिमलेस और बेटी प्रीति) ने मालगाड़ी के सामने एक साथ कूदकर आत्महत्या कर ली। देर शाम तक उनकी पहचान नहीं हो पाई थी। पलवल जीआरपी के इंचार्ज भीम सिंह का कहना है कि घटना के बारे में चांदहट थाने की पुलिस को भी सूचित कर दिया है, लेकिन मृतक के परिजनों ने इस संबंध में अभी कोई बयान दर्ज नहीं कराया है। परिजनों का कहना है कि परिवार में बातचीत करने के बाद एक-दो दिन में वह अपना बयान दर्ज कराएंगे।