भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि आर्थिक सुधार के शुरुआती संकेत हैं। हालांकि ‘मिनी लॉकडाउन’ से जुड़ी अनिश्चितताओं को दूर करना चाहिए। बिजनेस की गतिविधियों को अनुमति देकर इसे आगे बढ़ना चाहिए।
कंटेनमेंट जोन को सीमित करना चाहिए
सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि सप्लाई चेन राज्य और जिला की सीमाओं में मूल रूप से कार्य करें। इसके लिए कंटेनमेंट जोन को ज्यादा क्षेत्रों की बजाय छोटे क्षेत्रों तक सीमित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, रिकवरी के शुरुआती संकेतों को हकीकत में बदलने के लिए प्रतिबंधों की अनिश्चितताओं को कम करना महत्वपूर्ण है। कॉर्पोरेट कंपनियां फिलहाल कुछ हफ्ते से ज्यादा की प्लानिंग करने में असमर्थ हैं। इससे उनका ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। फार्मास्यूटिकल्स, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) और एग्रीकल्चर जैसे सेक्टर्स के साथ विभिन्न सेक्टर्स में बदलाव देखे गए हैं।
कुछ सेक्टर्स अभी भी बुरे दौर में
बनर्जी ने कहा कि मुख्य रूप से भोजन की इन-हाउस खपत में वृद्धि और स्वच्छता उत्पादों की अधिक मांग दिख रही है। इससे एफएमसीजी सेक्टर के वित्त वर्ष 21 में 15-20 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इसके उलट एविएशन, होटल और कमर्शियल व्हीकल जैसे क्षेत्र अभी भी बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
कंस्ट्रक्शन क्षेत्र ज्यादा प्रभावित
कंस्ट्रक्शन क्षेत्र मुख्य रोजगार देनेवाला क्षेत्र है। इसका रोजगार पर काफी बड़ा असर पड़ता है। अब इसमें थोड़ी रिकवरी साफ नजर आ रही है। क्योंकि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। लीज रिन्यू होने से रियल एस्टेट भी रफ्तार पकड़ रहा है। हालांकि नए लीज नहीं हो रहे हैं। सर्विसेज की तरफ से वित्तवर्ष 2021 में आईटी सेक्टर के 0-5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
आईटी सेक्टर में कर्मचारियों की कम छंटनी
इस क्षेत्र की कंपनियों के पास अच्छी खासी पूंजी है। वे कर्मचारियों की छंटनी भी नहीं कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि हालांकि अस्पतालों में वृद्धि की ज्यादा संभावना नही है। लेकिन संकट ने डिजिटल हेल्थ सर्विसिंग में तेजी लाई है। जीएसटी कलेक्शन, रेलवे माल ढुलाई, पेट्रोल की खपत, पीक पावर डिमांड, इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सहित जैसे कई संकेतकों ने रिकवरी के प्रारंभिक संकेतों को दिखाया है। हालांकि यह संकेत काफी शुरुआती हैं, परंतु इन से काफी पॉजिटिव उम्मीद दिखाई पड़ रही है। हम कह सकते हैं कि बहुत जल्द ही भविष्य में बड़ी रिकवरी देखने को मिल सकती है।