पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेश की सलाह देने, निवेशकों को ज्यादा रिटर्न देने का दावा करनेवाले प्रोवाइज कैपिटल और उसके प्रमोटर्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। सेबी ने बुधवार को जारी आदेश में यह जानकारी दी। इसी के साथ सेबी ने यह भी कहा कि उसके सभी बैंक खातों को सील किया जाए।
सभी तरह की सलाह पर प्रतिबंध लगा
सेबी के आदेश के मुताबिक इस मामले में प्रोवाइज कैपिटल उसके प्रमोटर्स अरुण जाटव, वैभव पाटिल, स्वाति पुरवार, योगेंद्र गांगुर्डे और प्रोवाइज कंसलटेंसी पर निवेश की सभी सलाह देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यही नहीं, इन लोगों को मीडिया या फिजिकल तरीके से या डिजिटल तरीके के निवेश की सलाह देने पर भी प्रतिबंध है।
निवेशकों से जुटाए गए फंड को इधर-उधर नहीं कर सकते
सेबी ने कहा कि ये लोग निवेशकों से जुटाए गए फंड को किसी भी तरह से इधर-उधर नहीं कर सकते हैं। किसी भी संपत्ति को बेच नहीं सकते हैं। सेबी ने कहा कि ये लोग अपने एडवर्टाइज, बैनर, सामग्री, ब्रोशर्स, निवेश सलाह के अन्य कम्युनिकेशन आदि को तुरंत हटाएं। सेबी ने कहा कि इन लोगों को शेयर बाजार में किसी भी तरह के कारोबार करने पर भी प्रतिबंध लगाया जाता है।
गारंटीड रिटर्न का दावा
सेबी ने आदेश में कहा कि प्रोवाइज कैपिटल और इसके प्रमोटर्स को सेटल करने के लिए ऑफर है अगर वे इस पर सहमत होते हैं। सेबी ने कहा कि प्रोवाइज कैपिटल के खिलाफ शिकायत मिली थी कि वह गारंटीड रिटर्न का दावा करता है और इसके एवज में निवेशकों से पैसा लेता है। एक निवेशक से इस कंपनी ने 1.90 लाख रुपए की फीस ली। कंपनी ने इस निवेशक को उसकी संपत्ति बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने का वादा किया, पर निवेशक की संपत्ति कम होकर 1.20 लाख से कम होकर 86 हजार हो गई।
कई तरह के टिप्स देती थी कंपनी
सेबी ने जब जांच की तो पता चला कि कंपनी की वेबसाइट खुल नहीं रही है। साथ ही यह कंपनी सेबी के साथ रजिस्टर्ड नहीं है। कंपनी जो भी स्टॉक टिप्स, स्टॉक फ्यूचर टिप्स, ऑप्शन टिप्स, एमसीएक्स टिप्स, एनसीडीएक्स टिप्स आदि की सेवाएं देती थी। सेबी ने कहा कि यह कंपनी 2016 में शुरू हुई थी। यह सब्सक्रिप्शन मॉडल पर निवेश की सेवा देती थी। यह एसएमएस और टेलीफोन सपोर्ट के जरिए सलाह देती थी।
एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में थे खाते
सेबी ने आदेश में कहा कि कंपनी तिमाही में टिप्स के लिए 27 हजार रुपए की फीस निवेशकों से लेती थी। इसी तरह यह कुछ मामलों में 2.50 लाख रुपए भी फीस लेती थी। सेबी ने जब कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक के खाते की जांच की तो इसमें 1.20 करोड़ रुपए मिला। यह 2016 से 2020 फरवरी के दौरान ग्राहकों से लिया गया था। एक्सिस बैंक के खातों की जांच की तो पता चला कि इसमें 2018 से 13 फरवरी 2020 के दौरान 71.85 लाख रुपए ग्राहकों से आए।
सेबी ने कहा कि उसने निवेशकों से मिली शिकायतों के आधार पर जांच की तो पता चला कि कंपनी 1.9 लाख रुपए की फीस में 10-15 लाख रुपए के रिटर्न का दावा करती थी। जबकि 3.8 लाख रुपए की फीस में 20 से 30 लाख रुपए के रिटर्न का दावा करती थी।