सोमवार को IIT दिल्ली ने JEE एडवांस परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया। ये एक आम राय है कि इस परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडिडेट्स का लक्ष्य IIT में दाखिला लेकर एक बेहतर नौकरी पाने का ही होता है।
हालांकि, इसी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 3 हासिल करने वाले बिहार के वैभव राज बीटेक करने के बाद एक नौकरी का सपना नहीं देखते। वैभव का कहना है, IIT बॉम्बे की कम्प्यूटर साइंस ( CS) ब्रांच से बीटेक करने के बाद मैं खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहता हूं।
वैभव कोटा में अपनी मां के साथ रहकर IIT में एडमिशन का सपना लेकर तैयारी में जुटे थे। उनकी मां सुधा रॉय हाउस वाइफ हैं और पिता सुनील कुमार रॉय रक्षा मंत्रालय में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर हैं। वहीं बड़ा भाई विशाल IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है।
2 साल में पूरा किया IIT का सपना
वैभव राज ने बताया कि इस बार उन्हें अपने सिलेक्शन को लेकर कोई संशय नहीं था। तैयारी अच्छी थी इसलिए सिलेक्ट होने को लेकर वे आश्वस्त थे। 2018 में वैभव IIT में एडमिशन का सपना लेकर कोटा आए और एलन नाम के इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। 2020 में उनका ये सपना पूरा हुआ।
लॉकडाउन में तैयारी को मजबूत करने का मौका मिला
वैभव बताते हैं, लॉकडाउन से ये फायदा हुआ कि एक बार फिर से सिलेबस को रिवाइज करने का मौका मिल गया। दूसरे चरण के लॉकडाउन और परीक्षा लगातार आगे खिसकने से थोड़ा परेशान हुआ। लेकिन, फैकल्टीज ने मोटिवेट किया। एक बार फिर लॉकडाउन में एक-एक टॉपिक का गहराई से रिवीजन किया।
कोटा आने के बाद आत्मविश्वास बढ़ा
वैभव का कहना है कि कोटा आने के बाद मुझमें काफी बदलाव आए जो मेरे लिए अच्छे साबित हुए। आत्मविश्वास मजबूत हुआ। कोटा आने से पहले मुझे कैमिस्ट्री से डर लगता था लेकिन अब वही मेरा फेवरेट सब्जेक्ट है। मैंने स्ट्रेटेजी बनाकर जेईई की तैयारी की थी। सारे चैप्टर की लिस्ट बनाकर जरूरी टॉपिक्स को बाहर निकाला, फिर शेड्यूल बनाकर समझा।
स्कूल से ही टॉपर रहे हैं वैभव
वैभव इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलम्पियाड ( IJSO) में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं। 10वीं कक्षा में 98% और 12वीं में 99% स्कोर हासिल किया था। जेईई मेंस परीक्षा में उनकी रैंक 45 थी। इसके अलावा वैभव फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ एवं एस्ट्रोनोमी ओलंपियाड में कैम्प के लिए चयनित हो चुके हैं।