दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने अंडरग्रेजुएट हिस्ट्री के सिलेबस में मनुस्मृति और बाबरनामा जोड़ने का प्रपोजल वापिस लेने जा रही है। टीचर्स के भारी विरोध के चलते यूनिवर्सिटी ने ये फैसला लिया है। इन दोनों विषयों को सिलेबस में जोड़ने का प्रस्ताव 19 फरवरी को यूनिवर्सिटी की हिस्ट्री डिपार्टमेंट जॉइंट कमेटी ने लिया था। इसे रिव्यू के लिए एकेडमिक काउंसिल और एग्जिक्यूटिव काउंसिल के सामने पेश किया जाना था। योगेश सिंह ने कहा कि ऐसे कोई भी टॉपिक सिलेबस में नहीं जोड़े जाएंगे जो सोसाइटी में डिवाइड पैदा करे। फैकल्टी ने किया था प्रपोजल का विरोध यूनिवर्सिटी के इस फैसले का फैकल्टी ने विरोध किया था। एसोसिएट प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार ने VC को इस फैसले पर पुर्नविचार के लिए पत्र लिखा था। उन्होंने लिखा था कि मनुस्मृति जाति आधारित भेदभाव और उत्पीड़न को प्रमोट करती है, जो कि भारतीय संविधान के समानता के अधिकार के खिलाफ है। उनका ये भी कहना था कि बाबरनामा, जिसमें मुगल बादशाह बाबर की कहानियां हैं, ऐसे आक्रमणकारी का महिमामंडन करता है जिसने पूरे देश में लूटपाट की। जहां एक ओर फैकल्टी इस फैसले का विरोध कर रही थी, कई टीचर्स का कहना था कि सही इतिहास जानना स्टूडेंट्स के लिए जरूरी है। उनका तर्क था कि हमें ये देखना चाहिए कि ऐसी किताबों का ऐतिहासिक महत्व क्या है, न कि उनका समाज पर असर क्या होगा। पिछले साल भी आया था मनुस्मृति पढ़ाने का प्रपोजल DU में मनुस्मृति पढ़ाए जाने का यह प्रपोजल पहला नहीं है। पिछले साल भी लॉ के सिलेबस में मनुस्मृति जोड़ने का प्रस्ताव रखा गया था जिसे विरोध के बाद वापिस ले लिया गया। ये खबरें भी पढ़ें… UP बोर्ड मैथ्स का पेपर व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला: सेंटर इंचार्ज के खिलाफ केस दर्ज, एग्जाम की सुबह की घटना UP बोर्ड का 10वीं का क्वेश्चन पेपर व्हाट्सऐप ग्रुप में डालने के लिए एक एग्जामिनेशन सेंटर के इनचार्ज के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। शनिवार को UP बोर्ड का मैथ्स का पेपर था। इसी दिन का ये मामला है जब चौधरी BL इंटर कॉलेज की सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर अंजु यादव ने सुबह क्वेश्चन पेपर ऑफिशियल एग्जामिनेशन व्हाट्सऐप ग्रुप में डाल दिया। पूरी खबर पढ़ें…