DU छात्र संघ चुनाव के लिए वोटिंग जारी:4 पदों के लिए 21 कैंडिडेट मैदान में, हाईकोर्ट ने होर्डिंग-पोस्टर हटाए जाने तक रिजल्ट पर रोक लगाई

दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) के चुनाव के लिए वोटिंग शुक्रवार सुबह 8:30 से शुरू हुई। इसमें 52 कॉलेजों के 1 लाख 40 हजार स्टूडेंट 4 सेंट्रल पदों ( प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी) के लिए EVM से वोट डाल सकेंगे। यह चुनाव 2 फेज में हो रहे हैं। मॉर्निंग कॉलेज के छात्र सुबह 8:30 से दोपहर 1 बजे तक वोट डालेंगे। वहीं, शाम के कॉलेजों के छात्र दोपहर 3 बजे से शाम 7.30 बजे तक मतदान करेंगे। 4 पदों के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) और लेफ्ट दल (AISA, SFI) के कैंडिडेट में कड़ी टक्कर है। कुल 21 कैंडिडेट मैदान में हैं। इनमें प्रेसिडेंट पद के लिए 8 प्रत्याशी, वाइस प्रेसिडेंट पद के लिए 5 प्रत्याशी, जॉइंट सेक्रेटरी पद के लिए 4 और सेक्रेटरी पद के लिए 4 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इधर, चुनावों के नतीजों की घोषणा पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी है। दरअसल, DU के कॉलेज में हाल ही में हुई चुनावी हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इसमें कहा गया था कि चुनाव के दौरान पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया जाता है। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनमोहन ने कहा- रिजल्ट तब तक घोषित न किए जाए जब तक यूनिवर्सिटी कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर देती कि कॉलेजों से सभी पोस्टर, होर्डिंग्स, प्ले कार्ड को हटा दिया गया है। 4 पदों के लिए ABVP, NSUI और लेफ्ट में कड़ी टक्कर चुनाव में 500 EVM का इस्तेमाल होगा
काउंसलर की सदस्यता के लिए नॉमिनेशन पेपर संबंधित कॉलेज, डिपार्टमेंट से लिए जा सकते हैं। सभी नॉमिनेशन पेपर दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट du.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे। चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार होंगे। प्रोफेसर सत्यपाल सिंह को चीफ इलेक्शन ऑफिसर बनाया गया
DU एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से चुनाव के लिए समिति पहले ही घोषित की जा चुकी है। संस्कृत डिपार्टमेंट के प्रोफेसर सत्यपाल सिंह को चीफ इलेक्शन ऑफिसर नियुक्त किया है। वहीं, डिपार्टमेंट ऑफ पर्शियन के प्रोफेसर चंद्र शेखर को इलेक्शन एडवाइजर और केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राज किशोर शर्मा को चीफ रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
​​​चुनाव पर खर्च किए 60 लाख से एक करोड़ रुपए
छात्रसंघ चुनाव की गाइडलाइंस बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2005 में एक कमेटी बनाने का आदेश दिया था। 2006 में लिंगदोह कमेटी ने अपनी सिफारिशें दी कि एक कैंडिडेट प्रचार पर 5 हजार रुपए ही खर्च करेगा। इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूर किया था। इसके अनुसार एक कैंडिडेट सिर्फ 5 हजार रुपए खर्च कर सकता है। कमेटी ने कहा था कि प्रचार में किसी भी तरह के प्रिंटेड पोस्टर्स का इस्तेमाल नहीं होगा और इन्हें यूनिवर्सिटी की कुछ तय जगहों पर ही लगाया जाएगा। पर वर्कर्स बताते हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रेसिडेंट इलेक्शन पर 60 लाख से 1 करोड़ रुपए तक खर्च किए गए। पिछली बार 3 पर ABVP, 1 पर NSUI जीती
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पिछले चुनाव में प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पदों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जीत हुई थी। 4 सेंट्रल पोस्ट के लिए 24 उम्मीदवार थे। वाइस प्रेसिडेंट पोस्ट NSUI जीती थी। ABVP से प्रेसिडेंट बने तुषार डेढ़ा को 23 हजार 460 वोट मिले थे, जबकि हितेश गुलिया (NSUI) को 20 हजार 345 वोट मिले थे। वहीं, वाइस प्रेसिडेंट पद पर अभि दहिया (NSUI) जीते थे। इस पोस्ट के लिए सुशांत धनखड़ (ABVP), अनुष्का चौधरी (AISA) और अंकित (SFI) भी मैदान में थे। सेक्रेटरी पद पर अपराजिता (ABVP) विजयी रही हैं। यक्षना शर्मा (NSUI), आदित्य प्रताप सिंह (AISA) और अदिति त्यागी (SFI) भी चुनाव मैदान में उतरे थे। 2019 में चार में से 3 पद ABVP जीती थी
दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के 2019 चुनाव में ABVP ने चार में से तीन सीटों पर कब्जा जमाया था। कोरोना के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं हो सके, जबकि एकेडमिक कैलेंडर में डिस्टर्बेंस के कारण 2022 में इलेक्शन शेड्यूल नहीं हुए। चीफ इलेक्शन ऑफिसर प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को रिकॉर्ड 42% मतदान हुआ। 52 कॉलेजों में वोटिंग EVM से करवाई गई, जबकि कॉलेज यूनियन के लिए बैलट पेपर पर वोटिंग हुई। यह 2019 में हुए चुनाव के 39.90% से 2.10 फीसदी ज्यादा रहा। हालांकि 2018 में रिकॉर्ड 44.46% और 2017 में 42.8% वोटिंग हुई थी।