डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी DRDO इंजीनियरिंग और साइंस के स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप करने का मौका देता है। इस इंटर्नशिप से स्टूडेंट्स को डिफेंस सेक्टर में नए-नए रिसर्च और इनोवेशन का एक्सपीरियंस मिलता है। 4 हफ्ते से 6 महीने तक की होगी इंटर्नशिप
इंटर्न्स सिर्फ DRDO की उन जगहों पर जा सकते हैं, जहां कोई गोपनीय (सीक्रेट) जानकारी नहीं होती। इंटर्नशिप खत्म होने के बाद DRDO नौकरी देने के लिए बाध्य नहीं है। अगर इंटर्नशिप के दौरान कोई दुर्घटना हो जाती है, तो DRDO मुआवजा नहीं देगा। इंटर्नशिप की अवधि 4 हफ्ते से 6 महीने तक होती है, जो कोर्स और लैब डायरेक्टर पर निर्भर करता है।
DRDO इंटर्नशिप प्रोग्राम की प्रमुख विशेषताएं:
DRDO इंटर्नशिप के लिए ऐसे करें अप्लाई
इंटरेस्टेड स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के क्षेत्र से संबंधित DRDO लैब या संस्थान की पहचान करें और अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए अप्रूवल वैकेंट सीटों और संबंधित लैब डायरेक्टर के डिसीजन पर निर्भर करती है। डिफेंस मिनिस्ट्री का RD डिपार्टमेंट है DRDO
डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) भारत के रक्षा मंत्रालय का अनुसंधान और विकास (RD) विभाग है। इसका मकसद एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजीज को डेवलप करना और भारत को डिफेंस सिस्टम को आत्मनिर्भर बनाना है। DRDO, डिफेंस फोर्सेस को उनकी जरूरतों के अनुसार मॉडर्न वेपन्स और इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराने के लिए काम करता है।
इंटर्न्स सिर्फ DRDO की उन जगहों पर जा सकते हैं, जहां कोई गोपनीय (सीक्रेट) जानकारी नहीं होती। इंटर्नशिप खत्म होने के बाद DRDO नौकरी देने के लिए बाध्य नहीं है। अगर इंटर्नशिप के दौरान कोई दुर्घटना हो जाती है, तो DRDO मुआवजा नहीं देगा। इंटर्नशिप की अवधि 4 हफ्ते से 6 महीने तक होती है, जो कोर्स और लैब डायरेक्टर पर निर्भर करता है।
DRDO इंटर्नशिप प्रोग्राम की प्रमुख विशेषताएं:
DRDO इंटर्नशिप के लिए ऐसे करें अप्लाई
इंटरेस्टेड स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के क्षेत्र से संबंधित DRDO लैब या संस्थान की पहचान करें और अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी के जरिए आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए अप्रूवल वैकेंट सीटों और संबंधित लैब डायरेक्टर के डिसीजन पर निर्भर करती है। डिफेंस मिनिस्ट्री का RD डिपार्टमेंट है DRDO
डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) भारत के रक्षा मंत्रालय का अनुसंधान और विकास (RD) विभाग है। इसका मकसद एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजीज को डेवलप करना और भारत को डिफेंस सिस्टम को आत्मनिर्भर बनाना है। DRDO, डिफेंस फोर्सेस को उनकी जरूरतों के अनुसार मॉडर्न वेपन्स और इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराने के लिए काम करता है।