ONGC का मुनाफा 25% घटकर ₹10,273 करोड़ रहा:दूसरी तिमाही में रेवेन्यू 8% बढ़ा, ₹6 प्रति शेयर डिविडेंड देगी कंपनी

ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 10,272.50 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा (कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट) हुआ है। सालाना आधार पर इसमें 25 % की कमी आई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 13,703.38 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था। जुलाई-सितंबर तिमाही में ONGC का कॉन्सोलिडेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,58,329 करोड़ रुपए (1.58 लाख करोड़ रुपए) रहा। सालाना आधार पर यह 7.25% बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही (जुलाई-सितंबर 2023) में कंपनी ने 1,47,614 करोड़ रुपए (1.48 लाख करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट किया था। गुड्स और सर्विसेज को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। प्रति शेयर 6 रुपए डिविडेंड देगी कंपनी नतीजों के साथ ONGC के बोर्ड ने शेयरधारकों को प्रति शेयर 4.25 रुपए के अंतरिम डिविडेंड (लाभांश) को भी मंजूरी दी है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे लाभांश या डिविडेंड कहते हैं। क्या होता है स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड? कंपनियां अपनी फाइनेंशियल रिजल्ट दो भाग में जारी करती हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। यहां, ONGC की 6 सब्सिडियरी, 6 जॉइंट वेंचर और 3 एसोसिएट हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कॉन्सोलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, ONGC के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा। एक साल में 25% चढ़ा ONGC का शेयर अप्रैल-जून तिमाही के नतीजों से पहले ONGC का शेयर आज यानी सोमवार 11 नवंबर को 2.02% गिरावट के बाद 257.25 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में कंपनी का शेयर 12.07% और 6 महीने में 3.62% गिरा है। जबकि, बीते एक साल में 31.38% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 25.27% का पॉजिटिव रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 3.23 लाख करोड़ रुपए है। ONGC का भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 71% का योगदान महारत्न ONGC क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस की भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। यह भारत के डोमेस्टिक प्रोडक्शन में लगभग 71% का योगदान करती है। ONGC इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), BPCL, HPCL और MRPL कंपनियों में रॉ-मटेरियल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले क्रूड ऑयल का उत्पादन करती है। ये कंपनियां पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, नेफ्था और कुकिंग गैस एलपीजी जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स बनाती हैं। ONGC की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी। 1955 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के तहत ऑयल एंड गैस डिविजन के रूप में ओएनजीसी की नींव रखी गई थी। कुछ महीने बाद, इसे ऑयल और नेचुरल गैस डायरेक्टरेट में बदल दिया गया। 14 अगस्त 1956 को डायरेक्टरेट को कमीशन में बदल दिया गया और इसका नाम ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन रखा गया। 1994 में,ऑयल एंड नेचुरल गैस कमीशन को एक कॉर्पोरेशन में परिवर्तित कर दिया गया, और 1997 में इसे भारत सरकार ने नवरत्नों में से एक के रूप में मान्यता दी। इसके बाद, वर्ष 2010 में इसे महारत्न का दर्जा दिया गया। —————————————— नतीजों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… इंडियन ऑयल का दूसरी तिमाही में मुनाफा 3.8 गुना बढ़ा: यह ₹420 करोड़ से बढ़कर ₹2,016 करोड़ हुआ, प्रति शेयर ₹3 डिविडेंड देगी कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 2,016 करोड़ रुपए का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट यानी शुद्ध मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर यह 3.8 गुना बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 420 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। नतीजों के अलावा इंडियन ऑयल के बोर्ड ने शेयरधारकों को प्रति शेयर 3 रुपए के अंतरिम डिविडेंड (लाभांश) को भी मंजूरी भी दी है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…