रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री मोदी का प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 नियुक्त किया गया है। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने शनिवार को यह नियुक्ति की है। कमेटी के सेक्रेटरी मनीष सक्सेना ने नियुक्ति की जानकारी दी। शक्तिकांत दास RBI गवर्नर के पद से 10 दिसंबर को रिटायर हुए थे। 22 फरवरी को उन्हें PM का प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। यानी रिटायरमेंट से नियुक्ति के 75वें दिन ही वे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में अहम पद पर पहुंच गए। फिलहाल पीके मिश्रा प्रधानमंत्री मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नंबर वन पॉजिशन पर हैं। शक्तिकांत दास नंबर 2 होंगे। दास तमिलनाडु कैडर के 1980 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। वहीं मिश्रा गुजरात कैडर के 1972 बैच के रिटायर अधिकारी हैं। दास भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के अलावा भारत के जी20 शेरपा और 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं। उन्होंने अपने 42 साल के करियर में वित्त, निवेश और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में काम किया है। दास की तरफ से किए गए अहम काम… 1. लगातार दो बार दुनिया के टॉप-बैंकर चुने गए शक्तिकांत दास 2023 और 2024 में लगातार दो बार दुनिया के टॉप सेंट्रल बैंकर चुने गए। शक्तिकांत दास को सेंट्रल बैंक रिपोर्ट कार्ड 2023 और 2024 में A+ ग्रेड मिला। यह अवॉर्ड अमेरिका के वॉशिंगटन D.C. में ग्लोबल फाइनेंस देती है। शक्तिकांत दास को महंगाई पर कंट्रोल, इकोनॉमिक ग्रोथ, करेंसी में स्टेबिलिटी और ब्याज दरों पर नियंत्रण के लिए यह सम्मान दिया गया। 2. कोरोना महामारी और युद्ध के बीच इकोनॉमी को स्टेबल रखा
RBI गवर्नर के तौर पर दास ने भारत और दुनिया के लिए सबसे अस्थिर दौर कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे संकटों में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। कोरोना के दौरान दास के नेतृत्व में RBI ने लिक्विडिटी और एसेट क्वालिटी को बनाए रखने के लिए नए और पुराने आर्थिक नीतियों और उपायों को लागू किया। 3. यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कोलैप्स होने से बचाया
दास ने जिन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया, उनमें ILFS संकट शामिल था। इसके चलते नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को काफी नुकसान हुआ था। उन्होंने यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कोलैप्स होने से बचाया। 4. ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में जरूरी बदलाव किया
2018 में जब दास ने कार्यभार संभाला था तब रेपो रेट 6.50% पर थी। उनके नेतृत्व में RBI ने इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इसे घटाकर 4% पर ला दिया। बाद में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए इसे फिर से बढ़ाकर 6.50% कर दिया। 5. बैंकों का NPA घटाने और मुनाफा बढ़ाने में योगदान
दास के कार्यकाल के दौरान देश के लिस्टेड बैंको का नॉन-परफॉर्मिंग एसेट यानी NPA सितंबर 2024 तक 2.59% के निचले स्तर पर आ गया, जबकि दिसंबर 2018 में यह 10.38% था। इस दौरान बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी में भी उछाल आया और बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 में 2.63 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2018 में बैंकों को 32,400 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 1980 बैच के IAS अधिकारी हैं शक्तिकांत दास
शक्तिकांत दास 1980 बैच के सिविल सेवा अधिकारी (IAS) अधिकारी हैं। वे तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं। 2017 मई तक वे इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी थे। वे देश के 25वें गवर्नर बने थे। नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, तब भी दास ही मुख्य मोर्चे पर थे। दास विभिन्न पदों पर रहे हैं। उन्होंने 15वें फाइनेंस कमीशन में भी सदस्य के रूप में काम किया था। भारत की ओर से ब्रिक्स, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और सार्क (SAARC) में प्रतिनिधित्व किया है। वे दिल्ली के स्टीफन कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। संजय मल्होत्रा RBI के नए गवर्नर हैं
सरकार ने रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया है। वे RBI के 26वें गवर्नर हैं और उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह लिया है। राजस्थान कैडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, यूएसए से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री है। मल्होत्रा ने पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और माइन्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। उनका 33 साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस है।
RBI गवर्नर के तौर पर दास ने भारत और दुनिया के लिए सबसे अस्थिर दौर कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे संकटों में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। कोरोना के दौरान दास के नेतृत्व में RBI ने लिक्विडिटी और एसेट क्वालिटी को बनाए रखने के लिए नए और पुराने आर्थिक नीतियों और उपायों को लागू किया। 3. यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कोलैप्स होने से बचाया
दास ने जिन चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया, उनमें ILFS संकट शामिल था। इसके चलते नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को काफी नुकसान हुआ था। उन्होंने यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को कोलैप्स होने से बचाया। 4. ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में जरूरी बदलाव किया
2018 में जब दास ने कार्यभार संभाला था तब रेपो रेट 6.50% पर थी। उनके नेतृत्व में RBI ने इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए इसे घटाकर 4% पर ला दिया। बाद में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए इसे फिर से बढ़ाकर 6.50% कर दिया। 5. बैंकों का NPA घटाने और मुनाफा बढ़ाने में योगदान
दास के कार्यकाल के दौरान देश के लिस्टेड बैंको का नॉन-परफॉर्मिंग एसेट यानी NPA सितंबर 2024 तक 2.59% के निचले स्तर पर आ गया, जबकि दिसंबर 2018 में यह 10.38% था। इस दौरान बैंकों की प्रॉफिटेबिलिटी में भी उछाल आया और बैंकों ने वित्त वर्ष 2023 में 2.63 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2018 में बैंकों को 32,400 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 1980 बैच के IAS अधिकारी हैं शक्तिकांत दास
शक्तिकांत दास 1980 बैच के सिविल सेवा अधिकारी (IAS) अधिकारी हैं। वे तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं। 2017 मई तक वे इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी थे। वे देश के 25वें गवर्नर बने थे। नवंबर 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, तब भी दास ही मुख्य मोर्चे पर थे। दास विभिन्न पदों पर रहे हैं। उन्होंने 15वें फाइनेंस कमीशन में भी सदस्य के रूप में काम किया था। भारत की ओर से ब्रिक्स, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और सार्क (SAARC) में प्रतिनिधित्व किया है। वे दिल्ली के स्टीफन कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। संजय मल्होत्रा RBI के नए गवर्नर हैं
सरकार ने रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया है। वे RBI के 26वें गवर्नर हैं और उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह लिया है। राजस्थान कैडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, यूएसए से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री है। मल्होत्रा ने पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और माइन्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है। उनका 33 साल से ज्यादा का एक्सपीरियंस है।