प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई में इस्कॉन के श्रीश्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का लोकार्पण किया। मोदी ने कहा कि भारत को समझने के लिए अध्यात्म को आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा ही सच्चे सेक्युलरिज्म का प्रतीक है। सरकार भी इस्कॉन की तरह सेवा के भाव से काम कर रही है। PM ने कहा- जब देश गुलामियों की बेड़ियों में जकड़ा था तब प्रभुपाद जी स्वामी इस्कॉन जैसा मिशन शुरू किया। इस मंदिर में भी अध्यात्म और सभी परंपरा के दर्शन होते हैं। यहां रामायण, महाभारत का म्यूजियम बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत केवल भौगोलिक सीमाओं में बंधा भूमि का एक टुकड़ा नहीं है। भारत एक जीवंत धरती है, जीवंत संस्कृति है। इस संस्कृति की चेतना है यहां का अध्यात्म। इसलिए भारत को समझना है, तो हमें पहले अध्यात्म को आत्मसात करना होता है। उन्होंने कहा- जो लोग दुनिया को केवल भौतिक दृष्टि से देखते हैं, उन्हें भारत भी अलग-अलग भाषा और प्रांतों का समूह नजर आता है। लेकिन जब आप इस सांस्कृतिक चेतना से अपनी अपनी आत्मा को जोड़ते हैं, तब आपको भारत के विराट रूप के दर्शन होते हैं। प्रधानमंत्री की स्पीच, 4 पॉइंट्स में… ——————————- इस्कॉन से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… बांग्लादेश इस्कॉन ने चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटाया बांग्लादेश इस्कॉन ने 28 नवंबर 2024 को चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटा दिया। संगठन के जनरल सेक्रेटरी चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गतिविधियों को इस्कॉन से कोई ताल्लुक नहीं है। पूरी खबर पढ़ें…