सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को न्यू फंड ऑफर(NFO) के जरिए जुटाई गई रकम को 30 दिन के भीतर निवेश करने के निर्देश दिए हैं। टाइम लिमिट में फंड निवेश नहीं करने पर AMC को अपनी इन्वेस्टमेंट कमेटी को लिखित में कारण बताना होगा। कमेटी कारणों की जांच कर फंड को निवेश करने के लिए 30 दिन का अतिरिक्त समय दे सकती है। 1 अप्रैल से लागू होंगे निर्देश
SEBI ने गुरुवार ( 27 फरवरी) को इस मामले में सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में बताया गया है NFO फंड को 30 दिन के अंदर निवेश करने के निर्देश 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। 60 दिन में निवेश नहीं होने पर निवेशकों को वापस मिलेगा पैसा
सर्कुलर में बताया गया कि अगर AMC इन निर्देशों का पालन करने में असफल रहती है तो उस NFO में नए निवेश पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके साथ ही निवेशकों को 60 दिन के बाद बिना किसी चार्ज (एक्जिट लोड) के स्कीम से बाहर निकलने की परमिशन होगी। NFO क्या होता है?
NFO का मतलब न्यू फंड ऑफर है। जब कोई भी म्यूचुअल फंड लिस्ट होता है तो उसे NFO कहा जाता है। जितने भी म्यूचुअल फंड अभी अवेलेबल हैं, वह इसी तरह NFO लाकर लिस्ट होते हैं।
SEBI ने गुरुवार ( 27 फरवरी) को इस मामले में सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में बताया गया है NFO फंड को 30 दिन के अंदर निवेश करने के निर्देश 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। 60 दिन में निवेश नहीं होने पर निवेशकों को वापस मिलेगा पैसा
सर्कुलर में बताया गया कि अगर AMC इन निर्देशों का पालन करने में असफल रहती है तो उस NFO में नए निवेश पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके साथ ही निवेशकों को 60 दिन के बाद बिना किसी चार्ज (एक्जिट लोड) के स्कीम से बाहर निकलने की परमिशन होगी। NFO क्या होता है?
NFO का मतलब न्यू फंड ऑफर है। जब कोई भी म्यूचुअल फंड लिस्ट होता है तो उसे NFO कहा जाता है। जितने भी म्यूचुअल फंड अभी अवेलेबल हैं, वह इसी तरह NFO लाकर लिस्ट होते हैं।