मार्केट वैल्यूएशन के लिहाज से देश की 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से 8 की मार्केट वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार में 3.09 लाख करोड़ रुपए गिर गई है। इस दौरान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के मार्केट कैप में सबसे ज्यादा 1,09,212 करोड़ रुपए (1.09 लाख करोड़ रुपए) की गिरावट हुई है। अब कंपनी का मार्केट कैप 12.61 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है। पिछले हफ्ते कंपनी की वैल्यूएशन 13.70 लाख करोड़ रुपए थी। अब TCS दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी ने तीसरे नंबर पर आ गई है। इसके अलावा, इंफोसिस में 52,698 करोड़ रुपए, एयरटेल में 39,230 करोड़ रुपए और रिलायंस में 38,026 करोड़ रुपए की बड़ी गिरावट रही है। HDFC बैंक- देश की दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी हफ्तेभर के कारोबार के बाद HDFC बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन 30,258 करोड़ रुपए बढ़कर 13.24 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहले कंपनी का मार्केट कैप 12.94 लाख करोड़ रुपए था। HDFC बैंक के अलावा बजाज फाइनेंस का मार्केट कैप भी 9,050 करोड़ रुपए बढ़कर 5.30 लाख करोड़ रुपए हो गया है। निवेशकों की वेल्थ 18 लाख करोड़ रुपए कम हुई शेयर बाजार में इस हफ्ते के कारोबार के दौरान बिकवाली के चलते निवेशकों की वेल्थ 18 लाख करोड़ रुपए घट गई। 28 फरवरी को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप 384 लाख करोड़ रुपए रहा गया। पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (21 फरवरी) को यह 401.81 लाख करोड़ रुपए था। वहीं, कल एक दिन में इसमें 8.95 लाख करोड़ रुपए की कमी आई। इस हफ्ते 2,113 अंक गिरा शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी कल (शुक्रवार, 28 फरवरी) सेंसेक्स में 1414 अंकों (1.90%) की गिरावट रही। ये 73,198 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 420 अंक (1.86%) गिरकर 22,124 के स्तर पर बंद हुआ। BSE स्मॉल कैप में 1,028 अंक (2.33%) की गिरावट रही, यह 43,082 के स्तर पर बंद हुआ। मिड कैप में भी 853 अंक (2.16%) की गिरावट रही, ये 38,592 के स्तर पर बंद हुआ। NSE के सभी सेक्टोरल इंडेक्स में आज गिरावट रही। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी IT में 4.18%, ऑटो में 3.92%, मीडिया में 3.48%, सरकारी बैंकों में 2.83% और मेटल में 1.39% रही। इसके अलावा, फार्मा, बैंकिंग, FMCG और फाइनेंशियल सर्विसेज में 2% तक की गिरावट देखने को मिली। इस हफ्ते सेंसेक्स में टोटल 2,113 अंक की गिरावट रही। मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है? मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है। मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां। मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत) मार्केट कैप कैसे काम आता है? किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है। कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीवड वैल्यू होती है। मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है? मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा। ——————— ये खबर भी पढ़ें… 1996 के बाद पहली बार लगातार 5 महीने गिरा बाजार: ऑटो-FMCG में 20% से ज्यादा की गिरावट, चीनी बाजार में इन्वेस्ट कर रहे विदेशी निवेशक अक्टूबर 2024 से, निफ्टी हर महीने गिरावट में बंद हुआ है। ये 5 महीने में 12% गिर चुका है। 1996 के बाद यह पहली बार है कि बाजार में लगातार पांच महीने गिरावट आई है। इससे पहले 1996 में जुलाई से लेकर नवंबर महीने के बीच बाजार में लगातार 5 महीने गिरावट दर्ज की गई थी। इन 5 महीनों के दौरान निफ्टी 50 इंडेक्स 26% गिरा था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…