राजस्थान की गहलोत सरकार का संकट टलने के बाद अब बयानबाजी का दौर चल रहा है। सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि अशोक गहलोत मुझसे बड़े हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे भी काम के मुद्दे उठाने का हक है। पायलट ने यह बात गहलोत के उस बयान के रेफरेंस में कही, जिसमें गहलोत ने पायलट को निकम्मा और नकारा कहा था।
पायलट ने कहा कि मैंने अपने परिवार से कुछ मूल्य सीखे हैं। मुद्दा यह नहीं कि मैं किसी आदमी का कितना विरोध करता हूं, लेकिन इस तरह की भाषा इस्तेमाल नहीं करता। राजनीति में निजी दुश्मनी की कोई जगह नहीं होती। पायलट ने बताया कि राहुल और प्रियंका ने उनकी आपत्तियां दूर करने के लिए रोडमैप तैयार करने का भरोसा दिया है। पायलट की राहुल और प्रियंका के साथ सोमवार को 2 घंटे मीटिंग हुई थी।
लड़ाई आदर्शों की थी: पायलट
- इससे पहले पायलट ने सोमवार को कहा था, ‘‘लंबे समय से कुछ मुद्दों को मैं उठाना चाहता था। शुरू से ही कह रहा हूं कि ये लड़ाई आदर्शों की थी। मैंने हमेशा यही सोचा था कि पार्टी हित में इन मुद्दों को उठाना जरूरी है। सोनिया जी ने परेशानियों और सरकार की समस्याओं को सुना। लगता है कि जल्द ही मुद्दों को हल किया जाएगा।’’
- ‘‘जिन लोगों ने मेहनत की है, उनकी सरकार में भागीदारी हो। लड़ाई पद के लिए नहीं, आत्मसम्मान के लिए थी। पार्टी पद देती है, तो ले भी सकती है। जो वादे सत्ता में करके आए थे, उन्हें पूरा करेंगे।’’
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