होटल तो शुरू हो गए लेकिन बदल गई स्टाइल; रूम में ही मिल रहा लंच-डिनर और ब्रेकफास्ट, लिफ्ट में दो लोगों की परमिशन, सैनिटाइजर और मास्क की भी व्यवस्था

अनलॉक में देश के 3 स्टार से लेकर 5 स्टार होटल शुरू तो हो गए, लेकिन अभी ऑक्यूपेंसी उस तरह की नहीं है। होटल का स्टॉफ भी कम है। गेस्ट भी कम हैं। सेवाएं भी कम हैं। इतना ही नहीं गेस्ट को दी जानेवाली सेवा में भी कमी कर दी गई है। लिफ्ट में दो लोगों की एक साथ इजाजत है तो मास्क और सैनिटाइजर फ्री में दिया जा रहा है।

इन दिनों होटल्स में आपको बुफे नहीं मिलेंगे

5 स्टार होटलों में देश के सबसे बड़े ब्रांड ताज ग्रुप के एक अधिकारी के मुताबिक हमने अभी तक बुफे चालू नहीं किया है। जो भी लंच या ब्रेकफास्ट है वह गेस्ट के रूम में पहुंच जाता है। हम रेस्टोरेंट को केवल गेस्ट का खाना तैयार करने के लिए खोलते हैं। उसके बाद ओपन एरिया में कहीं भी खाने या ब्रेकफास्ट की इजाजत नहीं है। यही नहीं अभी तक कोई बड़े इवेंट वगैरह भी नहीं हो रहे हैं। छोटी मोटी शादियों की पार्टी जरूर हो रही हैं।

पूल साइड एरिया, स्पा की सुविधा नहीं मिल रही है

इस अधिकारी के मुताबिक, पूरे देश भर में हमारे जितने भी होटल्स हैं, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर और मास्क आदि की व्यवस्था है। हम कम टेबल लगाते हैं। सभी स्टाफ को सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं। गेस्ट का लगेज भी सैनिटाइज किया जाता है। हालांकि, अभी तक पूल साइड भी एरिया नहीं खुला है और स्पा तथा कांफ्रेंस वगैरह भी पूरी तरह से बंद है। कुछ राज्यों में स्पा जरूर चालू है, पर ज्यादातर बंद हैं।

फूड भी हो रहा है सैनिटाइज

ली मेरेडियन दिल्ली में भी इसी तरह का कुछ हाल है। यहां भी मेहमानों को ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर उनके रूम में ही भेजा जाता है। यहां के एक अधिकारी ने बताया कि सभी फूड आइटम पूरी तरह से सैनिटाइज किए जाते हैं और फिर उसे पैक किया जाता है और फिर उसे बैग में गेस्ट के रूम में दिया जाता है। अधिकारी ने कहा कि यहां पर फ्री मास्क, सैनिटाइजर तो है ही, साथ ही मेनू वगैरह भी। इसके लिए अब क्यू आर कोड से स्कैन करनी होती है। किसी तरह का मेनू फिजिकल नहीं है। कैशियर और बिलिंग काउंटर पर कांच के अंदर से ही सभी काम किया जाता है।

इस समय ओयो की ऑक्यूपेंसी 60% है

हॉस्पिटैलिटी फर्म ओयो रूम्स की ऑक्यूपेंसी में सुधार हो रहा है। मौजूदा समय में ओयो की ऑक्यूपेंसी 60% है। आंशिक रूप से ही सही लेकिन कॉर्पोरेट्स ट्रैवल शुरू हुआ है। साथ ही लोग इमरजेंसी ट्रैवल भी कर रहे हैं। ऐसे में ऑक्यूपेंसी में 30-40 फीसदी सुधार हुआ है। यह सुधार सबसे ज्यादा कोलकाता, हैदराबाद, दिल्ली, गुड़गांव, बेंगलुरू और अहमदाबाद जैसे मेट्रो सिटी में देखने को मिल रही है। इनमें भी हावड़ा, माराथल्ली और एलबी नगर जैसी जगहों पर 50 फीसदी से ज्यादा ऑक्यूपेंसी है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और गोवा जैसे टूरिस्ट प्लेस में ओयो की ऑक्यूपेंसी में गिरावट आई है। बता दें कि ओयो ने कैंसिलेशन प्रोसेस को आसान किया है। ताकि बुकिंग से पहले कंज्यूमर को होटल व रूम के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

जानिए, ओयो रूम्स में मिलने वाली सुविधाएं-

  • होटल के अंदर एंट्री करने पर बैग सैनिटाइज होते हैं।
  • होटल के बाहर सिक्योरिटी गार्ड द्वारा तापमान जांचना अनिवार्य।
  • सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करने के लिए सर्कल बनाए गए हैं।
  • डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • एलिवेटर का बटन और रूम डोर लाॅक को हर दो घंटे में सैनिटाइज किया जा रहा है।
  • बेडरूम के अंदर टचेबल प्लेस पर छोटे-छोटे स्टीकर्स लगाए जा रहे हैं, जो कि यह सुनिश्चित करता है कि इसे सैनिटाइज किया जा चुका है।
  • कैंसिलेशन प्रोसेस को फ्लेक्सिबल किया जा रहा है। ताकि बुकिंग से पहले कंज्यूमर को होटल व रूम के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

होटल्स के रूम रेट में कोई बदलाव हुआ है?

अगर ओयो रूम्स की बात करें तो यहां अभी पहले की तरह ही रेट है। इसमें कोई बदलाव नहीं है। कंपनी 10-15 फीसदी तक छूट आज भी दे रही है। वहीं, फाइव स्टार होटल की बात की जाए तो यहां भी रेट में कोई खास चेंजेस नहीं है। IHCL के एक सूत्र ने बताया है कि अभी कंपनी होटल्स के रूम रेट में बढ़ाने को लेकर नहीं सोच रही है। इस समय पहली प्रायोरिटी गेस्ट के बीच सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर भरोसा बनाना है। बाद में इस पर विचार किया जा सकता है फिलहाल पुराने रेट पर ही रूम्स उपलब्ध है। इस समय कोई डिस्काउंट भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि यह सेक्टर पहले से ही घाटे में चल रहा है।

इंडस्ट्री को पूरी तरह संभलने में 2023 तक का समय लगेगा

VIE Hospitality और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरांं एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रेसिडेंट कमलेश बारोट ने बताया कि अभी सरकार के नियम अनुसार, 33 फीसदी ऑक्यूपेंसी होनी चाहिए। हालांकि, इतना भी अभी पूरा नहीं हो रहा है। इस समय 12-15 फीसदी ऑक्यूपेंसी है। वे बताते हैं कि जब तक इंटरनेशनल फ्लाइट्स और पूरी तरह डोमेस्टिक फ्लाइट्स शुरु नहीं होगी तब तक ऑक्यूपेंसी ऐसे ही रहेगी। इंडस्ट्री को सामान्य होने में दो तीन साल का समय लगेगा। अगर रेट की बात की जाए तो भविष्य में हो सकता है रेट हम बढ़ा सकते हैं क्योंकि पहले से घाटे में चल रही यह इंडस्ट्री इस समय स्वच्छता के नियमों का पालन कर रही है. इस पर खर्च अधिक बढ़ा है।

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Hotels have started but the style has changed, lunch-dinner and breakfast are being found in the room itself; Two people allowed in lift, arrangement from sanitizer to mask