कर्नाटक CM सिद्धारमैया पर चलेगा जमीन घोटाले का केस:हाईकोर्ट ने गवर्नर के आदेश को बरकरार रखा, सिद्धारमैया की याचिका खारिज

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर जमीन घोटाले से जुड़े मामले में केस चलेगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के गवर्नर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। यह सही है, केस में जांच की जरूरत है। सिद्धारमैया ने गवर्नर के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 17 अगस्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केस चलाने की आधिकारिक अनुमति दी थी। सिद्धारमैया पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है। 26 जुलाई को राज्यपाल ने नोटिस जारी कर CM से 7 दिन में जवाब मांगा था। 1 अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को नोटिस वापस लेने की सलाह दी और उन पर संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। एक्टिविस्ट टी. जे. अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा का आरोप है कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए। MUDA केस क्या है
साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने कुछ जमीन रिहायशी इलाके में विकसित करने के लिए किसानों से ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत अधिग्रहित भूमि मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई। 1992 में MUDA ने इस जमीन को डीनोटिफाई कर कृषि भूमि से अलग किया था। 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा MUDA ने किसानों को डेनोटिफाई कर वापस कर दिया। यानी एक बार फिर ये जमीन कृषि की जमीन बन गई। सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ जमीन से जुड़ा है MUDA घोटाला
दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसुरु जिले के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था। हालांकि इस जमीन के बदले 2022 में बसवराज बोम्मई सरकार ने पार्वती को साउथ मैसुरु के पॉश इलाके में 14 साइट्स दिए थे। इनका 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,283 वर्ग फीट एरिया था। सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं सिद्धारमैया बोले- भाजपा सरकार में पत्नी को मिली जमीन
आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा- 2014 में जब मैं CM था तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए। 2020-21 में जब भाजपा की सरकार थी, तब पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई। भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है। घोटाले की जांच की मांग की गई
5 जुलाई 2024 को एक्टिविस्ट कुरुबरा शांथकुमार ने गवर्नर को चिट्ठी लिखते हुए कहा- मैसुरु के डिप्टी कमिश्नर ने MUDA को 8 फरवरी 2023 से 9 नवंबर 2023 के बीच 17 पत्र लिखे हैं। 27 नवंबर को शहरी विकास प्राधिकरण, कर्नाटक सरकार को 50:50 अनुपात घोटाले और MUDA कमिश्नर के खिलाफ जांच के लिए लिखा गया था। बावजूद, MUDA के कमिश्नर ने हजारों साइटों को आवंटित किया।