बायजूस-BCCI समझौते पर सुप्रीम कोर्ट बोला- पैसा कहां से आया:समझौते के लिए BCCI को ही क्यों चुना, CJI बोले- फिर से जांच के लिए भेज देंगे

सुप्रीम कोर्ट ने एड-टेक कंपनी बायजूस और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच समझौते पर सवाल उठाए हैं। बुधवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने बायजूस के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि समझौते के लिए पैसा कहां से आ रहा है। CJI ने कहा कि मामले की जांच के लिए हम इसे फिर से नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के पास भेज देंगे। बायजूस के अमेरिका बेस्ड लेंडर ग्लास ट्रस्ट कंपनी ने BCCI के साथ समझौते को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बायजूस-BCCI मामले में चीफ जस्टिस की बड़ी बातें… अगस्त में हुआ था समझौता अगस्त में NCLAT ने BCCI – बायजूस के बीच 158 करोड़ रुपए बकाया भुगतान के समझौते को स्वीकार करते हुए कंपनी पर होने वाली दिवालिया कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और BCCI के बीच 2019 में टीम इंडिया की जर्सी के लिए स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। बायजू ने साजिश रची, 500 मिलियन डॉलर चुराए इस समझौते पर बायजूस के अमेरिका बेस्ड लेंडर्स (कर्ज देने वालों) ने सवाल उठाए थे। इन लेंडर्स ने NCLAT से समझौते को स्वीकार नहीं करने के लिए कहा था। अमेरिकी लेंडर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मुकुल रोहतगी ने इसे ‘दागदार समझौता’ कहा था। रोहतगी ने कहा कि इसका भुगतान ‘चोरी के पैसों’ से किया जा रहा है। जो व्यक्ति वेतन भी नहीं दे सकता, वह अचानक 150 करोड़ रुपए कैसे दे सकता है। बायजू और रिजू (बायजू के भाई) ने साजिश रची और 500 मिलियन डॉलर चुराए। यह हमारा पैसा है जिसे इन लोगों ने निकाल लिया है। NCLT ने दिवालिया कार्रवाई की याचिका स्वीकार की थी 16 जुलाई 2024 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए BCCI की याचिका स्वीकार की थी। कर ली है। BCCI ने 158 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पिछले साल याचिका दायर की थी। ये खबर भी पढ़ें… बायजूस BCCI को 158 करोड़ रुपए देने को तैयार: कंपनी 2 और 9 अगस्त को किश्तों में करेगी भुगतान; एक साल पुराना विवाद खत्म एडटेक कंपनी बायजूस स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट के बकाया 158 करोड़ रुपए BCCI को देने को राजी हो गई है। कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन के वकीलों ने 31 जुलाई को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में इसकी जानकारी दी। बायजूस इस राशि का भुगतान 2 और 9 अगस्त को 2 किश्तों में करेगी। बायजू रवींद्रन के भाई रिजू ये पेमेंट करेंगे। रिजू कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक हैं। रिजू कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारकों में से एक हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू होगी: NCLT ने BCCI की याचिका मंजूर की, कंपनी ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप के ₹158 करोड़ नहीं चुकाए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए BCCI की याचिका स्वीकार कर ली है। ये मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और BCCI के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है। BCCI ने 158 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पिछले साल याचिका दायर की थी। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होनी है। हालांकि खबर मिली है कि बायजूस मामला सुलझाने के लिए BCCI से बात कर रहा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…