जरूरत की खबर- इस त्योहार बदलना चाहते हैं पुरानी कार:ऐसे बढ़ाएं रीसेल वैल्यू, पुरानी कार बेचते हुए बरतें 9 सावधानियां

जल्द ही त्योहारों का मौसम शुरू होने वाला है। दशहरा, धनतेरस और दीपावली जैसे त्योहारों के समय कार कंपनियां नई गाड़ियां लॉन्च करती हैं और डीलरशिप की पुरानी स्टॉक वाली गाड़ियों पर भारी डिस्काउंट देती हैं। ऐसे में लोग अपनी पुरानी कार बेचकर नई कार खरीदना चाहते हैं। हालांकि पुरानी कार बेचना उतना आसान नहीं है, जितना लगता है। जब आप अपनी पुरानी कार को बेचने की प्लानिंग करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में यही सवाल आता है कि क्या कार की सही कीमत मिलेगी। क्या करें कि कार जल्दी और आसानी से बिक जाए और उसकी अच्छी प्राइस भी मिले। इसके लिए कुछ बातों का ख्याल रखने, कुछ सावधानियां बरतनें और पूरी तैयारी के साथ सेकेंड हैंड कार के मार्केट में उतरने की जरूरत है। इसलिए आज जरूरत की खबर में हम बात करेंगे कि अपनी सेकेंड हैंड कार बेचने से पहले किन बातों का ख्याल रखें? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: टूटू धवन, ऑटो एक्सपर्ट (नई दिल्ली) सवाल- भारत में पुरानी कार का बाजार कितना बड़ा है? जवाब- इंडियन ब्लू बुक (IBB) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पुरानी कारों का बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023 में करीब 51 लाख सेकेंड हैंड कारें बेचीं गईं, जबकि वित्त वर्ष 2028 तक इस संख्या के बढ़कर 1.09 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। यानी आने वाले 5 सालों में सेकेंड हैंड कारों का बाजार दोगुना हो सकता है। सवाल- पुरानी कार की रीसेल वैल्यू किन बातों पर निर्भर करती है? जवाब- कार की रीसेल वैल्यू वह होती है, जिस पर कोई व्यक्ति अपनी सेकेंड हैंड कार को बेचना चाहता है। कार मालिक अक्सर इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि ग्राहक को कैसे ज्यादा-से-ज्यादा दाम में कार रीसेल की जाए। लेकिन आपकी सेकेंड-हैंड कार की रीसेल वैल्यू क्या होगी, यह कई चीजों पर निर्भर करता है। नीचे दिए ग्राफिक में कुछ कारण बताए गए हैं, जो आपकी कार की रीसेल वैल्यू को प्रभावित करते हैं। सवाल- सेकेंड हैंड कार की रीसेल वैल्यू कैसे बढ़ा सकते हैं? जवाब- चाहे हम कितनी भी सावधानी बरतें, हमारी कार समय के साथ पुरानी हो ही जाती है। हालांकि, जब हम इसे बेचने की प्लानिंग करते हैं तो हमें कार के हर एक पहलू पर ध्यान देना होता है। इसलिए अगर आप अपनी सेकेंड हैंड कार को अच्छे दाम में बेचना चाहते हैं तो नीचे ग्राफिक में दी गई बातों का ख्याल रखें। सवाल- कार की असली मार्केट वैल्यू कैसे पता कर सकते हैं? जवाब- अगर आप अपनी सेकेंड हैंड कार की सही रीसेल वैल्यू पता करना चाहते हैं तो कई फैक्टर पर इसकी पड़ताल कर सकते हैं। जैसेकि- ऑनलाइन वेबसाइट्स चेक करें: आप इंटरनेट के जरिए भी कार की वैल्यू अलग-अलग वेबसाइट से पता कर सकते हैं। कारदेखो.कॉम, कारवाले.कॉम, OLX.कॉम और क्विकर.कॉम जैसी कई फेमस वेबसाइट्स हैं, जहां आप अपनी सेकेंड हैंड कार की अन्य कारों से तुलना कर सकते हैं। कार डीलर से रेट पता करें: आप अलग-अलग कार डीलरों से मिलकर भी अपनी सेकेंड हैंड कार की करेंट मार्केट वैल्यू पता कर सकते हैं। इसके लिए कार डीलर को अपनी कार के मॉडल नंबर, किलोमीटर रीडिंग और कंडीशन की सही जानकारी दें। सवाल- कार बेचते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- आजकल ऑनलाइन कार खरीदने के नाम पर कई तरह के स्कैम हो रहे हैं, जिसमें साइबर ठग लोगों से मनी ट्रांसफर के नाम पर बैंक डिटेल और पर्सनल जानकारी मांग लेते हैं। इसलिए कार बेचते समय बहुत सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही से आप किसी धोखेबाज डीलर या साइबर ठग के जाल में फंस सकते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि कार बेचते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। सवाल- ऑनलाइन कार बेचते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? जवाब- अगर आप अपनी कार ऑनलाइन बेचना चाहते हैं तो इन मुख्य बातों का ध्यान रखें। कार की अच्छी फोटो अपलोड करें कार की अच्छी फोटोज ग्राहक को आकर्षित करती हैं। इससे खरीदारों को विश्वास होता है कि कार की हालत अच्छी है। इसलिए कार के इंटीरियर की सभी एंगल्स से साफ फोटो अपलोड करें। किसी भी क्षति के बारे में ईमानदारी से लिखें अपनी फोटो और डिटेल में अपनी कार की किसी भी समस्या या क्षति के बारे में स्पष्ट लिखें। जैसे अगर कार पर कहीं कोई डेंट या स्क्रैच है तो उसकी फोटो अपलोड करें। सटीक और सही जानकारी होने की वजह से लोग आपसे कनेक्ट हो सकेंगे। कुछ टूट-फूट के बावजूद आपकी कार में दिलचस्पी लेंगे। पुरानी फोटो का इस्तेमाल न करें अगर आप अपनी कार की वास्तविक फोटो की बजाय कोई डमी या पुरानी फोटो अपलोड करते हैं तो यह ग्राहक के साथ धोखा है। इसलिए कार की मौजूदा स्थिति की फोटो अपलोड करें। इससे आप अपने साथ-साथ ग्राहक का भी समय बचाएंगे। डॉक्यूमेंट्स ट्रांसफर होने के बाद ही चाबी सौंपे कार को ग्राहक को देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि ओनरशिप आपके नाम से ग्राहक के नाम ट्रांसफर हो गई है या नहीं। डॉक्यूमेंट्स ट्रांसफर होने के बाद ही कार की चाबी ग्राहक को सौंपनी चाहिए। इससे आप कानूनी रूप से सिक्योर होते हैं। साथ ही भविष्य में किसी भी तरह के विवाद से बच सकते हैं।