लेबनान में हमले के बाद इजराइल ने रविवार (29 सितंबर) को यमन पर बड़ा हमला किया। इजराइल ने हूती ठिकानों पर बमबारी और रॉकेट बरसा कर 12 जेट, पावर प्लांट और होदियाह शहर का बंदरगाह नष्ट कर दिया। इजराइली हमले में ईरान समर्थित 4 हूती विद्रोहियों की मौत हो गई जबकि 50 से ज्यादा घायल हो गए। उधर, इजराइल ने रविवार को भी लेबनान के कई शहरों में रॉकेट दागे और बम बरसाए। हमले में हिजबुल्ला सेंट्रल काउंसिल का डिप्टी हेड नबील काउक मारा गया। लेबनान में हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्ला का शव बरामद कर लिया। शव पर चोटों के निशान नहीं हैं। मौत संभवत: दम घुटने से हुई। इजराइल ने 2 महीने पहले भी यमन पर हमला किया था हमास के खिलाफ जंग के 9 महीने बाद इजराइल ने जुलाई में पहली बार यमन में हूती विद्रोहियों के कई ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। न्यूज एजेंसी AFP ने बताया था कि इजराइल ने हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले होदैदा पोर्ट और पावर स्टेशन को निशाना बनाया। हमले के बाद एक फ्यूल डिपो में भीषण आग लग गई थी। इस हमले में 3 हूती विद्रोहियों की मौत हुई, जबकि 87 लोग घायल हुए थे। इजराइली ने तेल अवीव पर हमले के जवाब में यमन पर अटैक किया था। दरअसल, हूती विद्रोहियों ने 19 जुलाई को इजराइली शहर तेल अवीव पर ड्रोन हमला किया था। इसमें एक 50 साल के इजराइली की मौत हो गई थी। वहीं करीब 10 लोग घायल हुए थे। हमास के साथ युद्ध के बाद से इजराइल पर हमले कर रहा यमन
यमनी विद्रोहियों ने पिछले साल 7 अक्टूबर को गाजा में हमास के साथ इजराइल के युद्ध की शुरुआत के बाद से लगातार उस पर हमले किए हैं। यमन ने ड्रोन और मिसाइलों से इजराइल को कई बार निशाना बनाया है। इनमें से अधिकांश हमलों को इजराइली सेना या उसके सहयोगियों ने रोक दिया गया है। हालांकि, इजराइल शुक्रवार (19 जुलाई) को तेल अवीव में ड्रोन हमला नहीं रोक सका। हूतियों ने बताया कि उसने नए ड्रोन से हमला किया था, जो दुश्मन के सिस्टम को भेद सकता है। हूतियों ने लाल सागर में अमेरिकी ठिकानों और कॉमर्शियल जहाजों पर भी हमले किए हैं। इनका मकसद इजराइल पहुंच रहे जहाजों को रोकना है। हूतियों का कहना है कि वे ये हमले फिलिस्तीनियों को अपने समर्थन के तौर पर करते हैं। ब्रिटेन और अमेरिका, दोनों ने जहाजों पर हमलों का जवाब यमन में हूती ठिकानों पर हमला करके दिया था। हालांकि, इजराइल इन हमलों में कभी शामिल नहीं हुआ। कौन हैं हूती विद्रोही
यमनी विद्रोहियों ने पिछले साल 7 अक्टूबर को गाजा में हमास के साथ इजराइल के युद्ध की शुरुआत के बाद से लगातार उस पर हमले किए हैं। यमन ने ड्रोन और मिसाइलों से इजराइल को कई बार निशाना बनाया है। इनमें से अधिकांश हमलों को इजराइली सेना या उसके सहयोगियों ने रोक दिया गया है। हालांकि, इजराइल शुक्रवार (19 जुलाई) को तेल अवीव में ड्रोन हमला नहीं रोक सका। हूतियों ने बताया कि उसने नए ड्रोन से हमला किया था, जो दुश्मन के सिस्टम को भेद सकता है। हूतियों ने लाल सागर में अमेरिकी ठिकानों और कॉमर्शियल जहाजों पर भी हमले किए हैं। इनका मकसद इजराइल पहुंच रहे जहाजों को रोकना है। हूतियों का कहना है कि वे ये हमले फिलिस्तीनियों को अपने समर्थन के तौर पर करते हैं। ब्रिटेन और अमेरिका, दोनों ने जहाजों पर हमलों का जवाब यमन में हूती ठिकानों पर हमला करके दिया था। हालांकि, इजराइल इन हमलों में कभी शामिल नहीं हुआ। कौन हैं हूती विद्रोही