तिरुपति लड्डू विवाद:सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जांच चल रही है तो CM ने बयान क्यों दिया, कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें

तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच 5 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। याचिकाओं में लड्डू की जांच कोर्ट की निगरानी में करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, वाई.वी. सुब्बा रेड्डी, विक्रम संपत और दुष्यंत श्रीधर शामिल हैं। सुरेश चव्हाणके की ओर से सीनियर एडवोकेट सोनिया माथुर दलीलें रख रही हैं। सिद्धार्थ लूथरा और मुकुल रोहतगी आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद हैं। सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- मैं एक श्रद्धालु के तौर पर कोर्ट में पेश हुआ हूं। प्रसाद में मिलावट पर जो बयान मीडिया में दिया गया है, उसका प्रभाव बहुत बड़ा हो सकता है। इससे कई मुद्दे उठेंगे और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। यह चिंता का विषय है। अगर भगवान के प्रसाद पर कोई प्रश्न चिह्न है, तो इसकी जांच होनी चाहिए।’ इस पर कोर्ट ने कहा- ‘जब प्रसाद में पशु चर्बी होने की जांच खुद CM ने SIT को दी है। तब उन्हें पहले ही मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।’ कोर्ट रूम LIVE… एडवोकेट राव : वहां एक प्रक्रिया है जिसके तहत शुद्ध सामान ही अंदर जाता है वो भी बिना इजाजत नहीं। माननीय मुख्यमंत्री का बयान इससे इनकार करता है। TTD के अधिकारियों ने कहा था कि घी 100% नहीं था। क्या उसकी सैंपलिंग हुई थी? क्या सैंपल रिजेक्टेड सैंपल से लिए गए थे? सप्लायर कौन था? क्या किसी राजनीतिक दखल को इजाजत दी जानी चाहिए? एडवोकेट राव : बयान देना कि प्रसाद में मिलावट है जबकि आपके पास इसके पीछे कोई आधार भी नहीं है, ये परेशान करने वाला है। उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की क्या जिम्मेदार रह गई? आज धर्म है कल कोई और चीज होगी। याचिकाकर्ता : मैं चाहता हूं कि भावनाओं का सम्मान हो। मेरी भावनाएं आहत हुई हैं। हमारी मांग है कि संवैधानिक समिति बनाई जाए, जिसकी जांच रिटायर्ड जज करे। आंध्र की ओर से रोहतगी : ये वास्तविक याचिकाएं नहीं हैं। यह मौजूदा सरकार पर हमले की कोशिश है। TTD ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है किस तरह का सामान सप्लाई किया जा रहा है। जस्टिस गवई : क्या आपके पास कोई आधार है, जो आप इस नतीजे पर पहुंचे हैं? आंध्र की ओर से रोहतगी : हमारे पास लैब रिपोर्ट है। जस्टिस जे विश्वनाथन : रिपोर्ट अभी साफ नही है। अगर आपने जांच के आदेश दे दिए थे, तो मीडिया में जाने की क्या आवश्यकता थी। रिपोर्ट जुलाई में आई थी और बयान सितंबर में आया। शुरुआती रिपोर्ट कहती है कि यह वह मैटेरियल नहीं था, जिसे प्रसाद बनाने में इस्तेमाल किया गया। जस्टिस गवई : आपने SIT बनाई थी, जब तक नतीजा नहीं आ जाता आपको मीडिया में जाने की क्या आवश्यकता थी। आप हमेशा ऐसे ही चले आते हैं ये दूसरी बार है। जब सुप्रीम कोर्ट मजाक में बोला- उम्मीद है लंच में हमें लड्डू नहीं खाने होंगे
सुप्रीम कोर्ट ने जब यह केस सुनना शुरू किया तब याचिकाकर्ता वाईबी सुब्बा रेड्डी के वकील ने कहा कि सीनियर वकील कपिल सिब्बल यहां नहीं हैं। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक बजे मामला सुनेंगे। आप लोगों का लंच टाइम कम कर देंगे। हमें उम्मीद है कि सॉलिसिटर जनरल हमारे साथ रहेंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें बंगाल रेप केस में 2 बजे फिजिकली कोर्ट में मौजूद रहना होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जस्टिस लूथरा मौजूद रहेंगे या नहीं। इस पर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो लड्डू को प्राथमिकता देंगे। इस पर जस्टिस बीआर गवई ने मजाक में कहा- उम्मीद है हमें लंच में लड्डू नहीं खाने होंगे। डिप्टी CM का 11 दिन का प्रायश्चित, पूर्व CM जगन को मंदिर जाने की इजाजत नहीं तिरुपति मंदिर के प्रसाद में एनीमल फैट की बात सामने आने के बाद से लगातार राजनीति हो रही है। डिप्टी CM पवन कल्याण ने रविवार (22 सितंबर) से 11 दिनों की प्रायश्चित दीक्षा की शुरुआत की। इस दौरान वह उपवास करेंगे। पवन ने कहा- मुझे अफसोस है कि मैं मिलावट के बारे में पहले क्यों नहीं पता लगा पाया। मुझे दुख हो रहा है। इसके लिए प्रायश्चित करूंगा। वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी को मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी गई। जगन 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले थे। एक दिन पहले ही उन्हें नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि YSRCP पार्टी के कार्यकर्ताओं को तिरुमाला मंदिर जाने की इजाजत नहीं है पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने और प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट के आरोपों के बाद हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। हैदराबाद के सैदाबाद पुलिस स्टेशन में एक वकील ने यह शिकायत दर्ज कराई है। यह विवाद कैसे सामने आया
कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। TDP सरकार आई, जुलाई में सैंपल की जांच, चर्बी की पुष्टि
TDP सरकार ने जून 2024 में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अपॉइंट किया था। उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी जांच का आदेश दिया। इसके लिए एक कमेटी बनाई। प्रसाद के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए। साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इसके बाद TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी खरीदना शुरू कर दिया। पुराने सप्लायर से घी 320 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था। अब तिरुपति ट्रस्ट कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) से 475 रुपए प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है। घी की शुद्धता का परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला NDDB CALF (आणंद, गुजरात) ने तिरुपति को घी की शुद्धता की जांच करने के लिए एक मशीन दान करने पर सहमति दी है। इसकी लागत 75 लाख रुपए है। CM नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा
जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की पुष्टि हो गई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। CM नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पूर्व जगन सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा भी किया। नायडू ने कहा, जब बाजार में 500 रुपए किलो घी मिल रहा था, तब जगन सरकार ने 320 रु. किलो घी खरीदा। ऐसे में घी में सप्लायर की ओर से मिलावट होनी ही थी। जगन सरकार द्वारा कम दाम वाले घी को खरीदने की जांच हाेगी। पशु चर्बी वाले घी से बने लड्डुओं से तिरुपति मंदिर की पवित्रता पर दाग लगाया है। 300 साल पुराना किचन, ब्राह्मण ही बनाते हैं 3.5 लाख लड्‌डू तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है। यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं। इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है। मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुराने किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्‌डू बनते हैं। यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं। लड्‌डू में शुद्ध बेसन, बूंदी, चीनी, काजू और शुद्ध घी होता है। ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्‌डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे।