बीते 30 सितंबर को आगरा की रहने वाली मालती वर्मा के मोबाइल पर 8 मिनट में 10 बार वॉट्सऐप कॉल आई। हर बार मालती को धमकी मिली कि उनकी बेटी सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है। गूगल-पे पर तुरंत 1 लाख रुपए भेज दो। पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहने साइबर ठग ने मालती को 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस घटना से मालती वर्मा इतना घबरा गईं कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। डिजिटल अरेस्ट की दूसरी बड़ी घटना देश के जाने-माने उद्योगपति वर्धमान ग्रुप के सीएमडी एसपी ओसवाल के साथ हुई। फोन पर एसपी ओसवाल से साइबर ठग ने कहा कि उनके नाम पर सुप्रीम कोर्ट का अरेस्ट वॉरंट है। साथ ही उनकी प्रॉपर्टी सील करने का ऑर्डर मिला है। इसे लेकर ठग ने कुछ फेक डॉक्यूमेंट्स भी उन्हें भेजे। साइबर ठगों ने एसपी ओसवाल को दो दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और उनसे 7 करोड़ रुपए ठग लिए। देश में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं पिछले कुछ समय में बहुत तेजी से बढ़ी हैं। इसका बड़ा कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि क्या है यह डिजिटल अरेस्ट? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: वैभव श्रीवास्तव, AIG राज्य साइबर क्राइम, पुलिस मुख्यालय, भोपाल राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर (उत्तर प्रदेश पुलिस) सवाल- डिजिटल अरेस्ट क्या है? जवाब- डिजिटल अरेस्ट वॉट्सऐप कॉल पर की जाने वाली ब्लैकमेलिंग है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहनकर या सरकारी विभाग का अधिकारी बनकर साइबर ठग लोगों को इमोशनली और मेंटली टॉर्चर करते हैं। साइबर ठग लोगों को यकीन दिलाते हैं कि उनके या उनके किसी परिजन के साथ कुछ बुरा हो चुका है या होने वाला है। चूंकि सामने बैठा शख्स पुलिस की वर्दी में होता है तो अधिकांश लोग डर जाते हैं। इसके बाद उनके जाल में फंसते चले जाते हैं। सवाल- डिजिटल अरेस्ट की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- AIG साइबर क्राइम वैभव श्रीवास्तव बताते हैं डिजिटल अरेस्ट की पहचान करने के लिए सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आपके पास अनजान नंबर से कोई फोन कॉल आता है तो नीचे ग्राफिक में दी इन बातों का ध्यान रखें। सवाल- डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए क्या करें? जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा कहते हैं कि डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार वॉट्सऐप है। वॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिए ही वह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसलिए सबसे पहले अपने वॉट्सऐप की सेटिंग्स में कुछ बदलाव करें, जिससे अगर कोई अनजान नंबर से कॉल आए तो आपके पास सिर्फ नोटिफिकेशन पहुंचे। इसके बाद इन बातों का ध्यान रखें। सवाल- वॉट्सऐप पर आने वाले अनजान कॉल को कैसे साइलेंट कर सकते हैं? जवाब- पिछले कुछ सालों में वॉट्सऐप के अनजान कॉल्स के जरिए स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसे रोकने के लिए वॉट्सऐप ने एक नया फीचर जोड़ा है। इस फीचर का नाम है- अननोन कॉल साइलेंट। इसे ऑन करते ही Unknown और Spam कॉल्स ऑटोमैटिक म्यूट हो जाएंगे। हालांकि आपके पास किस नंबर से कॉल आया है, यह नोटिफिकेशन के जरिए पता चल सकेगा। वॉट्सऐप के अननोन कॉल साइलेंट फीचर को ऑन करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें। स्टेप 1: सबसे पहले अपने वॉट्सऐप ऐप को ओपन करें। स्टेप 2: इसके बाद ऐप की सेटिंग्स को ओपन करें। स्टेप 3: ‘Privacy’ के ऑप्शन पर जाकर क्लिक करें। स्टेप 4: इसके बाद ‘calls’ के ऑप्शन पर क्लिक करें। स्टेप 5: यहां ‘Silence unknown callers’ का ऑप्शन मिलेगा। उसे सिलेक्ट करके ऑन कर दें। इससे वॉट्सऐप पर आने वाले अनजान कॉल्स का पहले आपको नोटिफिकेशन मिलेगा। सवाल- साइबर ठग का कॉल आए तो क्या करें? जवाब- AIG साइबर क्राइम वैभव श्रीवास्तव बताते हैं कि फोन कॉल्स के जरिए ठगी करना साइबर ठगों का नया तरीका है। अधिकांश लोग इस तरह के फ्रॉड कॉल्स को या तो इग्नोर कर देते हैं या फिर नंबर ब्लॉक कर देते हैं। जबकि महज इतना करना समस्या का समाधान नहीं है। अगर आपके पास ऐसा कोई कॉल आया है तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में संपर्क करें। सवाल- क्या फेक कॉल्स की ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं? जवाब- वॉट्सऐप पर आने वाले फर्जी कॉल और मैसेज को रोकने को लेकर टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने चक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर संदिग्ध मैसेज, कॉल या वॉट्सऐप पर आने वाले स्पैम कॉल्स की शिकायत कर सकते हैं। शिकायत करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें। हाल ही में भारत सरकार ने करीब 1.7 करोड़ सिम कार्ड को बंद किया है। ये सभी सिम कार्ड फर्जी आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट्स के जरिए इश्यू कराए गए थे। इसके अलावा आप साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। ……………… साइबर क्राइम से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए 1. जरूरत की खबर- किसान सम्मान निधि के नाम पर स्कैम:ऐसे पहचानें फेक ऐप, वेबसाइट और लिंक राजस्थान के जोधपुर के खेड़ापा में एक युवक के वॉट्सऐप पर प्रधानमंत्री किसान ऐप को लेकर एक मैसेज आया, जिसमें एक लिंक भी अटैच था। जब युवक ने लिंक पर क्लिक किया तो तुरंत उसका मोबाइल हैक हो गया। कुछ ही देर में युवक के बैंक अकाउंट से 2 लाख 75 हजार रुपए कट गए। पिछले कुछ सालों में साइबर क्राइम की इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। पूरी खबर पढ़िए… 2. जरूरत की खबर- सेल्फी आइडेंटिफिकेशन के जरिए फ्रॉड:डीपफेक फोटो से हो सकता है बैंक अकाउंट खाली, एक्सपर्ट के 5 सुझाव आज के दौर में सेल्फी ऑथेंटिकेशन के जरिए वेरिफिकेशन आम बात है। गवर्नमेंट एजेंसियां, टेलीकॉम कंपनियां, बैंकिंग और वित्तीय संस्थाएं आइडेंटिटी को वेरिफाई करने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। हालांकि यह जितना आसान और सुविधाजनक है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है। साइबर क्रिमिनल आपकी सेल्फी का इस्तेमाल करके पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी चुरा सकते हैं। पूरी खबर पढ़िए…