उमर दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के CM पद की शपथ लेंगे:4 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं; केंद्र शासित राज्य बनने के बाद पहली सरकार

नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला आज सुबह 11:30 बजे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार शपथ लेंगे। इसके साथ ही वे इस केंद्र शासित राज्य के पहले सीएम बन जाएंगे। कार्यक्रम श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में होगा। उनके साथ 4 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक मंत्री पद की शपथ नहीं लेंगे। जम्मू-कश्मीर रीऑर्गनाइजेशन एक्ट, 2019 के तहत सीएम समेत मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा सीटों के 10% से ज्यादा नहीं हो सकती। शपथ लेने के बाद उमर अब्दुल्ला दोपहर 3:00 बजे एडमिनिस्ट्रेटिव सेक्रेटरी के साथ मीटिंग करेंगे। उमर बोले- लोगों की उम्मीदें बहुत, चुनौतियां भी ज्यादा उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं यहां (हजरतबल) मैं पोते के रूप में अपने दादा और दादी की कब्र पर फूल चढ़ाने के लिए आया था। मैंने खामोशी से दुआ मांगी कि अल्लाह जम्मू-कश्मीर के लोगों की उम्मीदें पूरी हों। राज्य के लोगों ने काफी मुश्किल समय निकाला है। लोगों की उम्मीदें बहुत हैं, लिहाजा हमारी चुनौतियां भी ज्यादा हैं। समारोह में 50 से ज्यादा VIP आ सकते हैं
शपथ ग्रहण समारोह में I.N.D.I.A. ब्लॉक के कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। NC ने इसके लिए संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी, तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, लालू प्रसाद यादव और अरविंद केजरीवाल सहित करीब 50 VIPs को न्योता भेजा है। वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव 15 अक्टूबर को ही श्रीनगर पहुंच चुके हैं। ग्राफिक्स के जरिए उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक करियर NC के पास अकेले ही 48 विधायकों का समर्थन
चुनाव में जीते 7 निर्दलीय विधायकों में से 4 ने 10 अक्टूबर को NC को समर्थन का ऐलान किया था। ये चार निर्दलीय- इंदरवल से प्यारेलाल शर्मा, छम्ब से सतीश शर्मा, सूरनकोट से मोहम्मद अकरम और बनी सीट से डॉ रामेश्वर सिंह हैं। इसके बाद उमर ने कहा था- अब हमारी संख्या बढ़कर 46 हो गई है। एक दिन बाद 11 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी NC को समर्थन दिया था। मेहराज मलिक डोडा सीट से पार्टी के इकलौते विधायक चुने गए हैं। बाद में थन्नामंडी से निर्दलीय विधायक मुजफ्फर इकबाल खान ने भी NC को समर्थन दिया था। इस तरह NC को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की जरूरत नहीं है, लेकिन प्री-पोल अलायंस के तहत कांग्रेस भी सरकार का हिस्सा रहेगी। बडगाम सीट छोड़ सकते हैं उमर, दो सीटों से लड़ा था चुनाव
उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल और बडगाम दो सीटों से चुनाव लड़ा था। वे दोनों पर जीते हैं। माना जा रहा है कि वे गांदरबल सीट बरकरार रख सकते हैं। उमर 2009 में जब​ पहली बार सीएम बने थे, तब भी वे इसी सीट से चुनाव जीते थे। उनके दादा शेख अब्दुल्ला 1977 में और पिता फारूक अब्दुल्ला 1983, 1987 और 1996 में यहां से जीत चुके हैं। दरअसल, उमर बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे। निर्दलीय कैंडिडेट और उस समय तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद ने करीब 2 लाख वोट से चुनाव हराया था। इसी वजह से उमर ने दो सीटों से विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा। दोनों ही सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ रही हैं। 7 साल बाद 13 अक्टूबर को हटा राष्ट्रपति शासन
नई सरकार के गठन से पहले 13 अक्टूबर की देर रात प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश जारी किया गया। गृह मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने नए मुख्यमंत्री की शपथ के पहले राष्ट्रपति शासन खत्म करने का आदेश जारी किया था। जम्मू-कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनाव 10 साल पहले 2014 में हुए थे। चुनाव के बाद भाजपा-PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार गिर गई थी और महबूबा मुफ्ती ने CM पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन रहा, फिर राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इसी बीच 2019 में लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त, 2019 को BJP सरकार ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाला आर्टिकल-370 खत्म कर दिया। साथ ही राज्य को को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया। इसके बाद करीब 6 साल तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा और अब जाकर विधानसभा चुनाव हुए हैं। 2024 विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 42, उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने 6 और CPI(M) ने एक सीट जीती थी। सरकार गठन के बाद होने हैं राज्यसभा चुनाव
राष्ट्रपति शासन हटने और सरकार गठन के बाद प्रदेश की चार राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव होने हैं। इसके लिए चर्चाएं अभी से तेज हो गई हैं। चुनाव में जीती सीटों के हिसाब से दो राज्यसभा सीटें NC-कांग्रेस गठबंधन और एक बीजेपी के खाते में जा सकती है। NC अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को राज्यसभा भेजा जा सकता है। खराब सेहत के चलते उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। बची हुई एक सीट पर चुनाव हो सकते हैं। चुनाव में यह सीट किसके हिस्से जाएगी, ये उस समय के राजनीतिक समीकरण ही तय करेंगे। ठीक यही स्थिति 2015 में भी बनी थी। तब सत्तारूढ़ PDP-भाजपा को एक-एक सीट मिली थी। NC ने तब कांग्रेस प्रत्याशी (अब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नेता) गुलाम नबी आजाद को समर्थन दिया था। चौथी सीट चुनाव के बाद PDP-भाजपा गठबंधन के खाते में आई थी। ………………………………. जम्मू-कश्मीर चुनाव से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… जम्मू-कश्मीर में 5 विधायक नॉमिनेट होंगे: 2 कश्मीरी पंडित,1 PoK का प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर में पांच विधायकों को मनोनीत किया जाएगा। ऐसे में विधायकों की कुल संख्या 95 हो जाएगी और बहुमत का आंकड़ा बढ़कर 48 हो जाएगा। पूरी खबर पढ़ें… राशिद बोले- स्टेटहुड मिलने तक I.N.D.I.A.-PDP सरकार न बनाएं: उमर बोले- उनके सुझाव से भाजपा को फायदा अवामी इत्तेहाद पार्टी के चीफ और बारामूला सांसद राशिद इंजीनियर ने कहा- ‘जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता, तब तक INDI ब्लॉक, PDP और अन्य पार्टियां राज्य में सरकार नहीं बनाएं, लेकिन एकजुट रहें।’ पूरी खबर पढ़ें…