इजराइल ने 54 दिन बाद पेजर-वॉकीटॉकी हमले की जिम्मेदारी ली:नेतन्याहू बोले- सुरक्षा के लिए मंजूरी दी थी; लेबनान में 40 मौतें हुई थी

लेबनान में 17 सितंबर को हिजबुल्लाह मेंबर्स के पेजर (कम्युनिकेशन डिवाइस) में हुए सीरियल ब्लास्ट की जिम्मेदारी इजराइल ने 54 दिन बाद ली है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने रविवार को माना कि उन्होंने ही इजराइल की सुरक्षा को लेकर हमले की मंजूरी दी थी। नेतन्याहू के प्रवक्ता ओमर दोस्तरी ने न्यूज एजेंसी AFP से कहा- रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में PM नेतन्याहू ने पुष्टि की कि उन्होंने ही लेबनान में पेजर अटैक के ऑर्डर दिए थे। हालांकि ओमर ने विस्तार से इस अटैक की जानकारी नहीं दी। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा- डिफेंस एजेंसी और सीनियर अधिकारी पेजर अटैक और हिजबुल्लाह के तत्कालीन चीफ नसरल्लाह को ढेर करने के ऑपरेशन के खिलाफ थे। विरोध के बावजूद मैंने हमले के डायरेक्ट ऑर्डर दिए। 17 सितंबर को पेजर धमाकों और 18 सितंबर को वॉकी-टॉकी हमले में हिजबुल्लाह से जुड़े करीब 40 लोग मारे गए थे। तीन हजार से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे। 27 सितंबर को नेतन्याहू ने UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से लेबनान में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमले की इजाजत दी थी। इसके 20 घंटे बाद हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की थी। पेजर अटैक की 2 तस्वीरें… हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को दिए थे पेजर्स पेजर एक वायरलेस डिवाइस होता है जिसका इस्तेमाल संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर छोटे स्क्रीन और लिमिटेड कीपैड के साथ आता है। इसकी मदद से संदेश या अलर्ट्स को जल्दी प्राप्त किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन पेजर्स में विस्फोट हुआ, उन्हें हाल ही में हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को इस्तेमाल करने को दिया था। गाजा जंग शुरू होने के बाद हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने को मना किया था। इजराइल के किसी संभावित हमले से बचने के लिए यह सलाह दी गई थी। जुलाई में हसन नसरल्लाह ने लोगों से मोबाइल डिवाइस और सीसीटीवी का इस्तेमाल बंद करने को कहा था, क्योंकि उन्हें डर था कि इजराइली एजेंसी इन्हें हैक कर सकती है। इजराइल को महीनों से पता थी नसरल्लाह की लोकेशन न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इजराइली नेताओं को कई महीनों से नसरल्लाह की लोकेशन की जानकारी थी। वे 1 हफ्ते पहले ही उस पर हमले की योजना बना चुके थे। दरअसल, इजराइली अधिकारियों को डर था कि नसरल्लाह कुछ दिनों में किसी दूसरी लोकेशन पर शिफ्ट हो जाएगा। ऐसे में उस पर हमले के लिए उनके पास बेहद कम समय था। इसके बाद 27 सितंबर को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दी थी। क्या है हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह शब्द का अर्थ पार्टी ऑफ गॉड है। यह संगठन खुद को शिया इस्लामिक पॉलिटिकिल, मिलिट्री और सोशल आर्गनाइजेशन बताता है। हिजबुल्लाह लेबनान का ताकतवर ग्रुप है। अमेरिका और कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। 1980 की शुरुआत में लेबनान पर इजराइल के कब्जे के दौरान इसे ईरान की मदद से बनाया गया था। 1960-70 के दशक में लेबनान में इस्लाम की वापसी के दौरान इसने धीरे-धीरे जड़ें जमानी शुरू कर दी थीं। ऐसे तो हमास सुन्नी फिलिस्तीनी संगठन है, जबकि ईरान के सपोर्ट वाला हिजबुल्लाह शिया लेबनानी पार्टी है, लेकिन इजराइल के मुद्दे पर दोनों संगठन एकजुट रहते हैं। 2020 और 2023 के बीच, दोनों गुटों ने इजराइल के साथ UAE और बहरीन के बीच समझौते का विरोध किया था। ———————————– इजराइल-हिजबुल्लाह जंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. हिजबुल्लाह ने कहा था-जंग हुई तो इजराइल का कोई कोना नहीं छोड़ेंगे, जमीन, हवा, पानी, हर तरफ से करेंगे हमला लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह के तत्कालीन चीफ हसन नसरल्लाह की मौत इजराइली एयर स्ट्राइक में हुई। इस हमले से पहले उन्होंने इजराइल को चेतावनी दी थी। नसरहल्लाह ने कहा था कि अगर इजराइल के साथ जंग हुई तो वहां एक भी जगह सुरक्षित नहीं बचेगी। पूरी खबर पढ़ें…