जरूरत की खबर- ठंड में ज्यादा सर्दी-जुकाम क्यों होता है:कॉमन कोल्ड के 7 लक्षण, बचाव के लिए डॉक्टर की 9 जरूरी सलाह

नवंबर का महीना आधा बीत चुका है। अब हर रोज तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। आमतौर पर उत्तर भारत में नवंबर के महीने में हल्की-फुल्की ठंड पड़नी शुरू हो जाती है। बदलता मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। ठंड के मौसम में कॉमन कोल्ड के मामले बढ़ जाते हैं। यह तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जो व्यक्ति के खांसने या छींकने से बढ़ती है। अगर घर में किसी एक सदस्य को कॉमन कोल्ड हो जाए तो यह धीरे-धीरे अन्य लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। इससे बचने के लिए कुछ खास एहतियात बरतने की जरूरत होती है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि सर्दियों में कॉमन कोल्ड के मामले क्यों बढ़ जाते हैं? साथ ही बात करेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अकबर नकवी, फिजिशियन, नई दिल्ली सवाल- कॉमन कोल्ड क्या है? जवाब- कॉमन कोल्ड एक वायरल इन्फेक्शन है, जो हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। यह वायरस के कारण होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम है, जो छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। लंबे समय तक इसका बने रहना गंभीर बीमारियों को दावत दे सकता है। सवाल- कॉमन कोल्ड के लक्षण क्या हैं? जवाब- डॉ. अकबर नकवी बताते हैं कि आमतौर पर कॉमन कोल्ड के लक्षण सर्दी-खांसी और बुखार से शुरू होते हैं, जो वायरस के संपर्क में आने के 2–3 दिन बाद दिखते हैं। इसके लक्षण ज्यादातर नाक और गले को प्रभावित करते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि कॉमन कोल्ड के लक्षण क्या हैं। सवाल- कॉमन कोल्ड या फ्लू में क्या अंतर है? जवाब- कॉमन कोल्ड और फ्लू दोनों अलग-अलग बीमारियां हैं। फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होता है, जबकि कॉमन कोल्ड राइनो वायरस की वजह से होता है। आमतौर पर कॉमन कोल्ड में माइल्ड समस्याएं होती हैं, जो एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाती हैं। वहीं फ्लू के साथ ऐसा नहीं है। इसके लक्षण थोड़े गंभीर होते हैं। इसमें तेज बुखार, मसल्स में दर्द और खांसी-सर्दी हो सकती है। फ्लू निमोनिया की वजह भी बन सकता है, जिससे खतरनाक हेल्थ कंडीशन पैदा हो सकती हैं। सवाल- सर्दियों में कॉमन कोल्ड के मामले क्यों बढ़ जाते हैं? जवाब- डॉ. अकबर नकवी बताते हैं कि टेम्प्रेचर कम होने के कारण हवा ड्राई हो जाती है, जिससे शरीर का इम्यूम सिस्टम कमजोर होने लगता है। इसके अलावा ठंड का मौसम वायरस के अनुकूल होता है। इसमें वे अधिक ताकतवर हो जाते हैं। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि किन वजहों से सर्दियों में कॉमन कोल्ड के मामले बढ़ जाते हैं। सवाल- सर्दियों के मौसम में किन लोगों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए? जवाब- ठंड के मौसम में बैक्टीरिया, वायरस ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। इसलिए जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। नीचे दिए ग्राफिक को देखिए- सवाल- कॉमल कोल्ड में डॉक्टर से कब कंसल्ट करें? जवाब- कॉमन कोल्ड के अधिकांश मामलों में डॉक्टर से कंसल्ट की जरूरत नहीं होती है। 2-3 दिन में यह पूरी तरह ठीक हो जाता है। हालांकि अगर लक्षण बिगड़ते हैं या ज्यादा गंभीर होते हैं तो लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। कॉमन कोल्ड की इन स्थितियों में लापरवाही न बरतें। सवाल- कॉमन कोल्ड से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- ठंड के मौसम में होने वाली बीमारियों से खुद को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल और डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जरा सी लापरवाही बीमारियों को न्योता दे सकती है। आइए इन पॉइंटर्स की मदद से समझते हैं कि कॉमन कोल्ड से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ………………………
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